विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 05, 2022

"चैरिटी और समाज सेवा के पीछे गलत उद्देश्य नहीं होनी चाहिए", जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर जबरन धर्मांतरण पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि चैरिटी और समाज सेवा अच्छी बात है लेकिन इसके पीछे कोई गलत उद्देश्य नही होना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता के अनुसार किसी भी धर्म को स्वीकार करने का अधिकार है.

Read Time: 3 mins
"चैरिटी और समाज सेवा के पीछे गलत उद्देश्य नहीं होनी चाहिए", जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर जबरन धर्मांतरण पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि चैरिटी और समाज सेवा अच्छी बात है लेकिन इसके पीछे कोई गलत उद्देश्य नही होना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता के अनुसार किसी भी धर्म को स्वीकार करने का अधिकार है. लेकिन ज़बरदस्ती, प्रलोभन या धोखे से नहीं. हर चैरिटी, अच्छे काम का स्वागत है, लेकिन दान का उद्देश्य धर्मांतरण नहीं हो सकता. जस्टिस शाह ने कहा कि हम यहां चीजों को ठीक करने के लिए हैं. हम देख रहे हैं कि इरादा क्या है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से उठाए गए कदमों पर विस्तृत हलफनामा भी मांगा है. अब इस मामले पर अगले सोमवार को सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उठाए गए कदमों पर विस्तृत हलफनामा मांगा है. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोग विभिन्न कारणों से, दवाओं आदि के लिए धर्मांतरण करते हैं. यह एक बहुत ही खतरनाक तरीका है .पंजाब सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है और राज्य सरकार ने सख्त कानून बनाने की बात कही है.गुजरात सरकार का हलफनामा महत्वपूर्ण है.उन्होंने 2003 में कानून बनाया था.उस पर रोक लगी हुई है.

इससे पहले गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था. जिसमें गुजरात सरकार ने देश में धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने की मांग का समर्थन किया था. गुजरात सरकार ने कहा कि उसने राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून पारित किया है. हलफनामे मे कहा गया है कि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में लोगों को बलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है. 

धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है. जबरन धर्म परिवर्तन देश के लिए ना केवल एक बडा खतरा है बल्कि आम नागरिक के धार्मिक भरोसे और उसके धर्म का उल्लंघन है. मौलिक अधिकार के तहत किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी, ज़बरदस्ती, प्रलोभन या ऐसे अन्य माध्यमों से परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है.

ये भी पढ़ें-

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
संसद में आज क्या होगा? राहुल गांधी का नीट, अग्निवीर, मणिपुर, रोजगार और जीएसटी पर इशारा
"चैरिटी और समाज सेवा के पीछे गलत उद्देश्य नहीं होनी चाहिए", जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुनिए सुनिए.. जब 'पेपर लीक' के जिक्र पर विपक्ष के शोर को राष्ट्रपति ने किया शांत, मोदी ने खूब थपथपाई मेज 
Next Article
सुनिए सुनिए.. जब 'पेपर लीक' के जिक्र पर विपक्ष के शोर को राष्ट्रपति ने किया शांत, मोदी ने खूब थपथपाई मेज 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;