
- सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के मामले में याचिकाकर्ता से पूछा कि वे कुत्तों को अपने घर में खाना क्यों नहीं खिलाते.
- जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.
- पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के अनुसार सामुदायिक कुत्तों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों और निवासी कल्याण संघों पर है.
नोएडा में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर टिप्पणी की और कहा कि आप उन्हें अपने घर में खाना क्यों नहीं खिलाते? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि हमें इन दरियादिल लोगों के लिए हर गली, हर सड़क खुली छोड़ देनी चाहिए? इन जानवरों के लिए तो पूरी जगह है, इंसानों के लिए कोई जगह नहीं है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मार्च 2025 के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.
याचिकाकर्ता के वकील से जज ने पूछा- आप उन्हें घर में खाना क्यों नहीं खिलाते
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के अनुसार- सामुदायिक कुत्तों को खाना खिलाने के लिए परेशान किया जा रहा है. जस्टिस नाथ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आप उन्हें अपने घर में खाना क्यों नहीं खिलाते?
एबीसी नियम, 2023 का नियम 20 सामुदायिक जानवरों को खिलाने की ज़िम्मेदारी निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए), अपार्टमेंट मालिकों के संघों या स्थानीय निकायों पर डालता है, जिसमें आवारा जानवरों के लिए निर्दिष्ट चारागाह अनिवार्य है.
ग्रेटर नोएडा में फीडिंग पॉइंट बनाए जा रहे हैं...
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता केवल नियम का पालन कर रहा है और कहा कि ग्रेटर नोएडा में ऐसे फीडिंग पॉइंट बनाए जा रहे हैं, लेकिन नोएडा के अधिकारियों ने अभी तक उन्हें लागू नहीं किया है.
अपने घर में आश्रय स्थल खोलें और समुदाय के प्रत्येक कुत्ते को घर में खाना खिलाएं- कोर्ट
अदालत ने कहा कि हम आपको एक सुझाव देते हैं- अपने घर में एक आश्रय स्थल खोलें, समुदाय के प्रत्येक कुत्ते को अपने घर में खाना खिलाएं. पीठ ने खुलेआम घूमने वाले गली के कुत्तों से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं पर प्रकाश डाला.
जज ने पूछा, "क्या आप सुबह साइकिल चलाने जाते हैं? ऐसा करके देखिए क्या होता है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह सुबह की सैर पर जाते हैं और अक्सर कुत्तों का सामना करते हैं. जवाब में पीठ ने कहा कि सुबह टहलने वालों को भी खतरा है. साइकिल सवार और दोपहिया वाहन चालकों को ज्यादा खतरा है. शीर्ष अदालत ने मौजूदा याचिका को पहले से दाखिल याचिका के साथ टैग कर दिया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं