प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस वर्ष संघर्षविराम उल्लंघन की 1000 से अधिक घटनाएं हुई हैं. मंत्रालय ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि पाकिस्तान 2003 के संघर्षविराम समझौते का पालन करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघनों का इस्तेमाल आतंकवादियों की घुसपैठ में सहायता प्रदान करने के लिए किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि सीमा पर जब भी बिना उकसावे का कोई हमला होता है तो पाकिस्तानी पक्ष के साथ मामले को मजबूती से उठाया जाता है क्योंकि इसमें जानमाल का नुकसान जुड़ा होता है.उन्होंने कहा कि अकेले 2018 में पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की 1000 से अधिक घटनाएं हुई हैं. हमारा यह कहना है कि पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन का इस्तेमाल आतंकवादियों की हमारे क्षेत्र में घुसपैठ को कवर देने के लिए किया जाता है.
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हमने पूर्व में ऐसी घुसपैठों के परिणाम देखे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को इसका अहसास होगा कि वह क्या कर रहा है और वह 2003 के संघर्षविराम समझौते का पालन करेगा. गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की यह टिप्पणी एक आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें आज जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गश्त कर रहे दो सैनिक घायल हो गए. (इनपुट भाषा से)
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हमने पूर्व में ऐसी घुसपैठों के परिणाम देखे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को इसका अहसास होगा कि वह क्या कर रहा है और वह 2003 के संघर्षविराम समझौते का पालन करेगा. गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की यह टिप्पणी एक आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में आयी है जिसमें आज जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गश्त कर रहे दो सैनिक घायल हो गए. (इनपुट भाषा से)
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