
"आतंकवादी मेरे पति को गोली मारकर हंस रहा था." यह शब्द सूरत निवासी शैलेश कलाथिया की पत्नी ने बृहस्पतिवार को कही. शैलेश उन 26 लोगों में शामिल थें जिनको पहलगाम हमले में मार दिया गया. हमले में जान गंवाने वाले राज्य के दो अन्य लोग यतीश परमार और उनके बेटे स्मित भी गुजरात के ही निवासी थे.
धर्म पूछा और फिर मारा
शैलेश कलाथिया का पैतृक शरीर जब श्मशान ले जाया जा रहा था तब उनकी पत्नी शीतलबेन बहुत भावुक नजर आ रही थीं. शीतलबेन ने कहा, "एक आतंकवादी पहले हमारे करीब आया और फिर यह जानने के बाद कि वह हिंदू है, उसने मेरे पति को गोली मार दी. मेरे पति की तरह ही, अन्य हिंदू पुरुषों को भी उनके बच्चों के सामने गोली मारी गई. मेरे पति को गोली मारने के बाद आतंकवादी हंस रहा था और तब तक वहां से नहीं गया, जब तक कि वह मर नहीं गए."
आतंकियों ने धर्म के आधार पर दो समूह बनाए
शैलेश कलथिया अपनी पत्नी शीतलबेन, बेटे नक्श और बड़ी बेटी नीति के साथ पहलगाम में छुट्टियां मनाने गए थे. शैलेश के पुत्र नक्श ने बताया, "जैसे ही हमने गोलियों की आवाज सुनी, सभी पर्यटक पहलगाम में छिपने के लिए भागने लगे. आखिरकार दो आतंकवादियों ने हमें पकड़ लिया और हम सभी से हमारा धर्म बताने को कहा. उन्होंने लोगों को दो समूहों हिंदू और मुस्लिम में बांट दिया. हिंदुओं को मुसलमानों से अलग करने के बाद आतंकवादियों ने उनसे ‘कलमा' पढ़ने को कहा. जिन मुसलमानों ने इसे पढ़ा, उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई."
सेना के जैसे थी आतंकियों की वर्दी
पहलगाम घूमने गए नैथानी ने बताया कि, "उस इलाके में पर्यटकों पर गोलियां चलाने वाले आतंकियों ने सेना की वर्दी जैसे हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे और उनके चेहरे ढके नहीं थे. चारों तरफ से अंधाधुंध गोलीबारी के कारण सभी भागने लगे. यतीशभाई को आतंकवादियों ने गोली मार दी. मैंने कुछ दूरी से देखा कि एक आतंकवादी ने स्मित से कुछ पूछा और फिर नजदीक से गोली चला दी."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं