केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए लागू की गई अग्निवीर योजना का बचाव किया है. अग्निवीर योजना के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि देश की रक्षा का विषय संप्रभुता से जुड़ा है. सशस्त्र सुरक्षा बल को ज्यादा विस्तार मिलना चाहिए. केंद्र ने कहा है कि हम इस योजना के तहत पंजीकरण का विस्तृत ब्यौरा अपने हलफनामे में देंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आपको बताना होगा कि पंजीकरण के बाद आप अग्निवीरों को क्या क्या सुविधाएं किन किन शर्तों पर देंगे? क्या वो रोजगार और नियुक्ति कानून के तहत होंगे? इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार तो ये कह रही है कि राज्य सरकारें पुलिस सेवा में भी अग्निवीरों को आरक्षण देगी.कुछ राज्यों ने तो नियुक्ति योजनाओं की घोषणा भी कर दी हैं.
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अग्निवीर सेवा प्रशिक्षण के दौरान कोई जोखिम हुआ तो? प्रशिक्षण के मामले में रिस्क किसको ज्यादा रहेगा जवानों पर या सेना पर? जब हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही? याचिकाकर्ता ने कहा कि उसमें कमी आ रही है.अगर अग्निवीर सेना के साथ काम कर चुके हैं तो उन्हें सेना के गुप्त ठिकानों और राज का भी पता रहेगा. अभी तक सेना के जवान तो ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत शपथ से बंधे हुए हैं लेकिन क्या ये भी ऐसे ही होंगे?
इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि लेकिन सरकार तो कह रही है कि वो इस बारे में काम कर रही है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस साल अगस्त तक तो सरकार ने अपनी अग्निवीर नीति को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की थी. अब नीति का निर्णय न होने से हम पर ही असर पड़ रहा है.हमारी उम्र निकलती जा रही है. हाईकोर्ट गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगा.
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