बिहार सरकार के एक कार्यक्रम में सेनेटरी पैड को लेकर आईएएस अधिकारी और एक स्कूली छात्रा के बीच हुई बहस अब एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. कुछ दिन पहले इस पूरे मुद्दे पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपना पक्ष रखा था. उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार बच्चियों को सेनेटरी पैड के लिए पैसे दे रही है, लेकिन शायद इसकी जानकारी उस आईएएस अधिकारी या बच्ची को नहीं थी. बहरहाल, इस मुद्दे से चर्चा में आई रिया के लिए एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, सेनेटरी पैड बनाने वाली एक कंपनी रिया को अब एक बड़ा ऑफर दिया है. PAN हेल्थकेयर नाम की इस कंपनी के सीईओ चिराग पान ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि हमार देश में मासिक धर्म स्वच्छता को एक वर्जित विषय माना जाता रहा है, जिस पर पीढ़ियों से गुपचुप तरीके से ही चर्चा की जाती रही है. हमे इस चलन को बदलना होगा. यह बदलना होगा.
चिराग ने आगे कहा कि हमे और लड़कियों को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर खुली चर्चा की मांग को और जोर शोर से आगे रखें. अब समय आ गया है कि इस विषय पर खुली बहस करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके. चिरान पान ने आगे कहा कि मैं सार्वजनिक मंच पर इस विषय पर विश्वास के साथ बोलने के लिए रिया के साहस को सलाम करता हूं. रिया के इसी साहस को देखते हुए हमने यह तय किया है कि हम रिया को पूरे साल भर एवर्टीन के नीम और कुसुम सैनिटरी पैड मुफ्त में देंगे. साथ ही रिया के ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का खर्च भी उठाएंगे.
बता दें कि इस मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले ही रिया ने NDTV से खास बातचीत की थी. उन्होंने NDTV से कहा कि मैं राज्य सरकार के बेटी समृद्ध बिहार के कार्यक्रम में गई थी. जहां बेटियों की बात होनी चाहिए थी.रिया कुमारी ने कहा था कि मैंने ये सवाल किया था हमारी सरकार हमे हर तरह की सुविधा देती है. लेकिन क्या ये सरकार हमे 20 से 30 रुपये का सेनेटरी पैड नहीं दे सकती है. इसी सवाल पर आईएएस अधिकारी मैडम ने वो जवाब दिया जो देने से पहले उन्हें सोचना चाहिए था. हम वहां झगड़ा करने नहीं गए थे, हम तो सिर्फ अपनी बात रखने गए थे. मैडम को ऐसी बातें करने से पहले सोचना समझना चाहिए था वो किस प्रोग्राम में क्या बोल रही हैं. सरकार ही कहती है बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ. मैडम तो खुद एक लड़की है, उन्हें ऐसा जवाब नहीं देना चाहिए था. वो एक आईएएस अधिकारी हैं, उन्हें ऐसी बातें नहीं बोलनी चाहिए थी.
रिया ने आगे कहा था कि हम लोग एक स्लम बस्ति के रहने वाले हैं. तो हमारे पास इतने पैसे नहीं होते कि हम सेनेटरी पैड अलग से खरीद सकें. इसलिए मैंने मुझ जैसी तमाम लड़कियों को ध्यान में रखकर ही सवाल पूछा था. मैं तो कहना चाहूंगी कि किसी को भी एक मौका जरूर मिलना चाहिए ताकि वो अपनी गलती सुधार सकें. मैं उनको माफ कर चुकीं हूं. मैं मैडम को बस इतना कहना चाहती हूं कि अगर आप मदद ना कर सकें तो कम से कम किसी को गलत ना बोलें.
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