
CET की परीक्षा के दौरान कर्नाटक के शिवमोग्गा का एक कॉलेज सुर्खियों में आया था. सुर्खियों में आने की सबसे बड़ी वजह बनी थी छात्रों का जनेऊ और कलावा उतरवाना. जिस कॉलज प्रशासन ने छात्रों के साथ ऐसा किया था उसके प्रिसिंपल को ही अब हटा दिया गया है. CET की परीक्षा देने आए तीन छात्रों को परीक्षा केंद्र पर रोका गया और उनके शरीर पर बंधे जनेऊ और हाथों में बंधा रक्षा सूत्र (कलावा) हटाने को कहा गया था. समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए नोटिस के अनुसार, साईं स्पुर्ति पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. चंद्र शेखर बिरादर और स्टाफ सतीश पवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
यह कार्रवाई बीदर की डिप्टी कमिश्नर शिल्पा शर्मा द्वारा कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) को एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद की गई, जिसमें लिखा गया था कि यह घटना औरद के एक अधिकारी मुदस्सिर की लापरवाही के कारण हुई, जो परीक्षा निरीक्षक थे.शिल्पा शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों ने कर्नाटक एग्जामिनेशन अथॉरिटी के नियमों का उल्लंघन किया है और कर्तव्य में चूक की है.
सीईटी परीक्षा में क्या हुआ था
उस दिन गेट पर मौजूद गार्ड्स ने दो छात्रों से जनेऊ और बंधा रक्षा सूत्र उतरवा दिए, लेकिन तीसरा छात्र जनेऊ न उतारने पर अड़ गया था. घटना 16 अप्रैल की है. उस छात्र को करीब 15 मिनट तक गेट पर रोका गया. अंततः गार्ड्स ने उसके हाथ का रक्षा सूत्र उतरवा लिया, लेकिन जनेऊ के साथ उसे परीक्षा देने की इजाज़त दे दी गई थी.
पीड़ित छात्र के अभिभावक ने क्या कहा
पीड़ित छात्र अभिज्ञान के मामा ने बताया था कि मेरा भांजा CET के लिये आदि चुनचुनगिरी PU कॉलेज गया, वहां गार्ड ने टी शर्ट के अंदर पहने जनेऊ और हाथों में पहने रक्षा सूत्र को उतारने को कहा. भांजे ने साफ कह दिया कि वो भले ही परीक्षा नहीं लिखेगा, लेकिन जनेऊ नहीं उतारेगा. इसके बाद 15 मिनट तक उसे बाहर बैठाया गया और बाद में उसे जनेऊ के साथ परीक्षा देने की अनुमति दी गई, लेकिन उसके हाथों से कलावा निकालकर उसे डस्टबिन में डाल दिया गया.मुझे ये सूचना मिली कि मेरे भांजे से पहले 2 बच्चों का जनेऊ भी उतरवा दिया गया था.
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