
कानपुर के अपराधी विकास दुबे की एनकाउंटर में मौत हो गई. घटना स्थल की फाइल फोटो.
विकास दुबे (Vikas Dubey) मामले की सीबीआई/एसआईटी जांच कराने की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को सुनवाई हो सकती है. सीजेआई एसए बोबडे की बेंच इस मामले की सुनवाई कर सकती है. याचिका में यूपी पुलिस (UP Police) की भूमिका की जांच की मांग की गई है. हालांकि याचिका मुठभेड़ (Encounter) से पहले देर रात दायर की गई थी. उसमें विकास दुबे का भी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी.
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मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट से लग रहा है कि विकास दुबे ने महाकाल मंदिर में गार्ड को खुद ही जानकारी दी. मध्यप्रदेश पुलिस को खुद ही गिरफ्तारी दी ताकि मुठभेड़ से बच सके.
याचिका में आशंका जताई गई थी कि यूपी पुलिस विकास का एनकाउंटर कर सकती है. इस मामले में कुल चार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं.
गौरतलब है कि कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मध्यप्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया गया था. यूपी पुलिस जब उसे साथ लेकर कानपुर जा रही थी तब कानपुर के करीब कथित रूप से पुलिस का वाहन पलट गया. इस दौरान विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और कथित रूप से पुलिस पर फायरिंग की जिसके बाद पुलिस ने उसे मार गिराया.