'800 लोगों की भीड़ का इरादा जान लेने का था': बंगाल में हुए हमले पर ED ने कहा

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसके तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए, भीड़ में शामिल लोगों ने ईडी कर्मियों का मोबाइल फोन और वॉलेट सहित अन्य सामान लूट लिया.

'800 लोगों की भीड़ का इरादा जान लेने का था': बंगाल में हुए हमले पर ED ने कहा

ईजी ने कहा है कि आधे घंटे के अंदर उस स्थान पर भीड़ इकट्ठी हो गई जहां तलाशी ली जानी थी.

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित तौर पर एक तृणमूल कांग्रेस नेता के समर्थकों की ओर से ईडी अधिकारियों पर किए गए हमले के बारे में चौंकाने वाली जानकारी दी है. ईडी ने कहा है कि भीड़ में 800 से 1000 लोग शामिल थे और उनका इरादा "जान लेने का" था. एजेंसी ने कहा कि उसके तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और भीड़ में शामिल लोगों ने उसके कर्मियों से मोबाइल फोन, वॉलेट और लैपटॉप सहित उनका अन्य सामान लूट लिया.

प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पर यह हमला पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शुक्रवार को हुआ.उस समय यह टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कर्मियों के साथ कथित सार्वजनिक वितरण घोटाला मामले में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से संबंधित तीन परिसरों की तलाशी ले रही थी.

तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को "बीजेपी की साजिश" कहा और दावा किया कि "केंद्रीय एजेंसियों से जुड़े अनियंत्रित तत्वों ने स्थानीय लोगों को उकसाया", बीजेपी ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी की सरकार के बने रहने को "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा" करार दिया है.

एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में ईडी ने शेख को तृणमूल कांग्रेस का संयोजक बताया. उसने कहा, "एक परिसर में सीआरपीएफ कर्मियों के साथ प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर 800 से 1000 लोगों ने जान लेने के इरादे से हमला किया था. लोग लाठियां, पत्थर और ईंटें जैसे हथियार लिए थे."

बयान में कहा गया है कि, "इस घटना में तीन ईडी अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. घायल ईडी अधिकारियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हिंसक भीड़ ने ईडी अधिकारियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, वॉलेट जैसे निजी/आधिकारिक सामान भी छीन/लूट/चुरा लिया. ईडी के कुछ वाहनों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया.'' 

एजेंसी ने कहा कि शेख ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया और जब टीम दरवाजा खोलने की कोशिश कर रही थी तो आधे घंटे के भीतर भीड़ इकट्ठी हो गई. आरोप है कि कर्मियों पर पथराव भी किया गया.

बयान में कहा गया है कि, "अन्य अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए बिना तलाशी लिए घटना स्थल से भागना पड़ा क्योंकि भीड़ बहुत हिंसक हो गई थी. यहां तक कि अधिकारियों का पीछा भी किया गया ताकि उनको उनकी आधिकारिक ड्यूटी करने से रोका जा सके."

ईडी ने शुक्रवार को देर शाम जारी बयान में कहा कि उसने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस में एक शिकायत दी है.ईडी ने बताया कि घायल अधिकारियों का एक अस्पताल में इलाज हो रहा है.

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तलाशी टीम जैसे ही शेख के आवास पर पहुंची दरवाजा अंदर से बंद मिला और उन्होंने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया. एजेंसी ने कहा कि इसके अधिकारियों ने सीआरपीएफ के कर्मियों की मदद से दरवाजा खुलवाने की कोशिश की. ईडी ने कहा, ‘‘उस वक्त उनके मोबाइल फोन के लोकेशन से यह संकेत मिला कि वह घर के अंदर ही थे.''