कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पहले की बीजेपी सरकार के फैसलों को बदलने की तैयारी में है. मौजूदा सरकार पहले लिए फैसलों की समीक्षा कर रही है. सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि दंगा फसाद से जुड़े मुकदमों के साथ-साथ टेक्स्ट बुक में किए गए बदलाव की समीक्षा की जाएगी. बता दें कि राज्य में चुनाव से पहले कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि धर्म परिवर्तन रोक थाम जैसे कानून उनकी सरकार बनने पर खत्म कर दिए जाएंगे.
लेखकों और सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने सीएम से की मुलाकात
कर्नाटक के पाठ्य पुस्तकों में किए गए बदलावों को लेकर लेखकों, विचारकों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की थी. इस दौरान इन लोगों ने सीएम सिद्धारमैया को एक ज्ञापन देकर अनुरोध किया था कि वो बीजेपी सरकार के शासनकाल में पाठ्य पुस्तकों में किए बदलाव की समीक्षा करें. और जो बातें किए गए बदलावों में तर्क संगत नहीं है उसे बदल दिया जाए.
पिछले साल पाठ्य पुस्तक में किए गए थे बदलाव
बता दें कि पिछले साल एक बड़ा विवाद उस वक्त शरू हुआ था जब 8वीं कन्नड़ा की पाठ्य पुस्तक में बदलाव कर लिखा गया था कि अंडमान निकोबार जेल से वीर सावरकर बुलबुल पक्षी के पंखों पर बैठ देश का जायज़ा लेने आते थे. इसी तरह सवाल कुछ मुकदमों पर भी उठाए जा रहे हैं. जो पुलिस ने पहले की सरकार के इशारे पर दर्ज किए थे.
सीएम ने दिया भरोसा
मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या ने उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य में अब नफरत की राजनीति बर्दाश्त नही की जाएगी. साथ ही अब मोराल पुलिसिंग के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा. इतना ही नहीं अगर जरूरत पड़ी तो बच्चों की सोंच पर गलत असर डालने वाले विषय पाठ्यक्रम से हटाए जाएंगे. कन्नड़ा भाषा के लेखकों अनुसूचित जाति आंदोलन से जुड़े कार्येकार्ताओं किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएंगे
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा बयान
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू ने कहा कि हमें ये करना है क्योंकि ये हमारे इतिहास को खराब कर रहा है. जिस तरह से पाठ्यपुस्तकों को तैयार किया गया है उसके पीछे एक विचारधारा है. इसलिए हमें इसे हटाना है. हमें ये भी देखना है कि इतिहास को तथ्यों के साथ रखा जाए नाकि कल्पनाओं के साथ. वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा कि मेरी सरकार बच्चों को साफ सुथरी शिक्षा देना चाहती है. इसलिए उनकी सरकार वो सभी बदलाव करेगी जो जरूरी होंगे.
दो कानूनों पर भी उठेंगे सवाल
कर्नाटक की मौजूदा सरकार के इस रुख के बाद अब सवाल उन 2 क़ानूनों को लेकर भी उठ रहा है, जो बीजेपी शासनकाल के दौरान पिछले 3 सालों में बनाए गए थे. इन कानूनों में खास तौर पर धर्म परिवर्तन रोकथाम कानून और कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम और संरक्षण कानून शामिल हैं. मवेशी वध रोकथाम और संरक्षण कानून को गौ हत्या रोकथाम कानून के तौर पर भी जाना जाता है.
बीजेपी ने भी दी प्रतिक्रिया
कर्नाटक के सरकार के इस रुख पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सिद्धारमैया सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. जबकि सिद्धारमैया सरकार ने पहले कहा था कि वह सत्ता में आने के बाद बदले की भावना से काम नहीं करेगी. गौरतलब है कि पाठ्यपुस्तकों में किस तरह के बदलाव किए गए थे और कैसे बदलाव लाए जाएंगे यह फिलहाल तय नहीं है. और ना ही यह तय है कि किन मुकदमों की समीक्षा की जाएगी. हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके लिए अलग से एक बैठक बुलाई.
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