- सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की आरोपी ज्योति जगताप को करीब साढ़े पांच साल बाद अंतरिम जमानत दी.
- जगताप को NIA ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और अक्टूबर 2020 में आरोपपत्र दाखिल किया गया.
- जगताप पर कबीर कला मंच (KKM) का सदस्य होने का आरोप था.
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी ज्योति जगताप को आज अंतरिम जमानत दे दी. शीर्ष अदालत ने जब ये जाना कि जगताप करीब साढ़े 5 साल से हिरासत में है, तो उसे जमानत देने का आदेश दिया. जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया.
जगताप की तरफ से वरिष्ठ वकील अपर्णा भट्ट ने कहा कि वह से 5 साल 6 महीने से जेल में हैं. उन्होंने कोर्ट से अपील की कि मामले को स्थगित किया जाए लेकिन उनके मुवक्किल को जमानत दी जाए. इसके बाद पीठ ने अंतरिम जमानत देने की कार्यवाही शुरू की.
2020 में हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में सबसे कम उम्र के आरोपियों में से एक जगताप को 8 सितंबर 2020 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार किया था. 9 अक्तूबर 2020 को उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था. जगताप पर कबीर कला मंच (KKM) का सदस्य होने का आरोप था. ये संगठन गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित संगठन है.
यह समूह कथित तौर पर अपने संगीत और कविता के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उठाता था. 2002 में गुजरात दंगों के बाद ये संगठन बना था. 14 फरवरी 2022 को एक विशेष एनआईए अदालत ने जगताप की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.
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