सांसद पद के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने पर जर्मनी की प्रतिक्रिया को लेकर गुरुवार को भाजपा ने राहुल गांधी को निशाना बनाया. भाजपा ने उन पर "भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने" का आरोप लगाया.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और अनुराग ठाकुर ने ट्वीट करके राहुल गांधी की आलोचना की. उन्होंने इस आरोप को दोहराया कि राहुल गांधी देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चाहते हैं. कांग्रेस ने भाजपा को राहुल की ओर से इस तरह के हस्तक्षेप के अनुरोध का उदाहरण पेश करने की चुनौती दी और उसके आरोप को खारिज कर दिया. कांग्रेस ने कहा है कि राहुल गांधी विदेश में अपनी व्यस्तताओं के बीच केवल भारत में मामलों की स्थिति के बारे में बोल रहे हैं, मदद नहीं मांग रहे हैं.
Thank you Rahul Gandhi for inviting foreign powers for interference into India's internal matters. Remember, Indian Judiciary can't be influenced by foreign interference. India won't tolerate 'foreign influence' anymore because our Prime Minister is:- Shri @narendramodi Ji 🇮🇳 pic.twitter.com/xHzGRzOYTz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 30, 2023
Disgrace to nation, @INCIndia & @RahulGandhi don't believe to fight India's democratic, political & legal battle within country, hence, invite foreign powers to interfere in our internal matter. But New India headed by @narendramodi Ji will not tolerate any foreign intervention. pic.twitter.com/qjL7dRX1JJ
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) March 30, 2023
जर्मनी की ओर से गुरुवार को यह कहे जाने के बाद विवाद और बढ़ गया कि राहुल गांधी के मामले में "मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत" लागू होने चाहिए. राहुल को मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किया गया है.
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने भारत के विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रथम दृष्टया फैसले और साथ ही उनके संसदीय जनादेश के निलंबन पर ध्यान दिया है. हमारी जानकारी के अनुसार राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं."
उन्होंने कहा, "इसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उनके जनादेश के निलंबन का कोई आधार है."
प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि "न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत" इस मामले में लागू होंगे.
इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिका ने कहा था कि वह राहुल गांधी मामले को देख रहा है और वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, "कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है और हम गांधी (राहुल गांधी) के मामले को भारतीय अदालतों में देख रहे हैं."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' से जुड़ी टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने पर लोकसभा सांसद के रूप में पिछले सप्ताह अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे.
राहुल गांधी को कर्नाटक में 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर मानहानि के मामले में दो साल की कैद की सजा दी गई. हालांकि, उन्हें अपील करने का समय देने के लिए 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित रखा गया है.
राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में टिप्पणी का थी कि "सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे हो सकता है." राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
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