नागपुर पुलिस ने पांच दिन के बच्चे के परिजनों समेत 6 लोगों को बच्चे को एक निःसंतान दम्पति को 1 लाख रुपये में बेचने के लिए गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इसकी जानकारी मंगलवार को दी. उन्होंने बताया कि मानव तस्करी निरोधक दस्ते (एएचटीएस) की कार्रवाई से अवैध बाल तस्करी का एक परेशान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें न केवल लेनदार और देनदार बल्कि लेन-देन में मध्यस्थता करने वाले दो अन्य लोग भी शामिल हैं.
आरोपी माता-पिता ने कथित तौर पर अपने नवजात शिशु को उस निःसंतान दंपत्ति को बेच दिया जो बच्चा गोद लेने के लिए बेसब्र थे, लेकिन उन्होंने गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया. जैविक माता-पिता के अलावा, पुलिस ने बच्चे को खरीदने वाले दंपत्ति और सौदे में मदद करने वाले दो मध्यस्थों को भी गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील उर्फ भोंदू दयाराम गेंद्रे (31) और उसकी पत्नी श्वेता (27) तथा निःसंतान दंपत्ति की पहचान पूर्णिमा शेलके (32) और उसके पति स्नेहदीप धरमदास शेलके (45) के रूप में हुई है. दोनों ठाणे जिले के बदलापुर के निवासी हैं. उन्होंने बताया कि दोनों मध्यस्थों की पहचान किरण इंगले (41) और उनके पति प्रमोद इंगले (45) के रूप में हुई है, जो नागपुर के निवासी हैं.
पुलिस के मुताबिक सुनील और श्वेता गेंद्रे ने अपने नवजात बेटे को शेलके दंपति को किरण और प्रमोद इंगले की मदद से 22 अगस्त को बेच दिया था. शेलके दंपति, किरण इंगले के रिश्तेदार हैं और उन्होंने नवजात के लिए 1 लाख रुपये दिए थे और लीगल प्रोसीजर को फॉलो किए बिना ही बच्चे को अपने साथ लेकर चले गए थे.
इसकी जानकारी मिलने पर AHTS ने सभी 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड) की धारा 75 और धारा 81 रे तहत नागपुर के कलमना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को अस्थायी रूप से लोकल अनाथालय में रखा गया है.
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