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This Article is From Feb 25, 2023

मार्च में ही तपती गर्मी से हो जाएंगे बेहाल, 40 डिग्री तक हो सकता है तापमान : मौसम विभाग

मौसम विभाग ने कहा कि सामान्य से अधिक तापमान का गेहूं और अन्य फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इस अवधि के दौरान उच्च तापमान उपज के लिए नुकसानदेह होता है. अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है.

मार्च में ही तपती गर्मी से हो जाएंगे बेहाल, 40 डिग्री तक हो सकता है तापमान : मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार, मार्च के पहले पखवाड़े में 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान हो सकता है.
नई दिल्ली:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री अधिक दर्ज किए जाने का अनुमान है. देश के कई हिस्सों में पहले से ही अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है, जो आमतौर पर मार्च के पहले सप्ताह में दर्ज किया जाता है. इसने इस साल तीव्र गर्मी और लू को लेकर चिंताओं को बढ़ा दिया है.

आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है.'' आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मार्च के पहले पखवाड़े में उत्तर पश्चिमी भारत के एक या दो मौसम संबंधी उपखंडों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक तक बढ़ सकता है.

मौसम विभाग ने फरवरी में असामान्य रूप से गर्म मौसम के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति प्राथमिक कारण है. उल्लेखनीय है कि मजबूत पश्चिमी विक्षोभ वर्षा लाते हैं और तापमान को कम रखने में मदद करते हैं.

मौसम विभाग ने कहा कि सामान्य से अधिक तापमान का गेहूं और अन्य फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इस अवधि के दौरान उच्च तापमान उपज के लिए नुकसानदेह होता है. अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है. आईएमडी ने कहा कि अगर फसल पर दबाव दिखाई देता है तो किसान हल्की सिंचाई के लिए जा सकते हैं. आईएमडी ने कहा, ‘‘उच्च तापमान के प्रभाव को कम करने व मिट्टी की नमी को संरक्षित करने तथा उसके तापमान को बनाए रखने के लिए सब्जी की फसलों की दो पंक्तियों के बीच की जगह में गीली घास सामग्री रखें.''

यदि किसी केंद्र का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में कम से कम 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और वह सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होता है तो लू की घोषणा की जाती है. पिछले साल मार्च में, 1901 के बाद से देश में गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई.

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