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This Article is From Feb 23, 2025

16 घंटे से ज्यादा का रेस्क्यू, 14 किलोमीटर पर ढही सुरंग, 8 फंसे... तेलंगाना हादसे का हर अपडेट पढ़ें

शनिवार को पहली पाली में 50 लोग 200 मीटर लंबी बोरिंग मशीन लेकर सुरंग के अंदर गए थे. कार्य के सिलसिले में वे सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक गए थे, तभी अचानक छत ढह गई. हादसे में 14 लोग अंदर फंस गए.

16 घंटे से ज्यादा का रेस्क्यू, 14 किलोमीटर पर ढही सुरंग, 8 फंसे... तेलंगाना हादसे का हर अपडेट पढ़ें
घटनास्थल का निरीक्षण करने गए बचाव दल अंदर नहीं जा पाने के कारण वापस लौट आए.
हैदराबाद:

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन हिस्से के अंदर फंसे आठ लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान बीते 16 से ज्यादा घंटों से लगातार जारी है. सुरंग के अंदर राहत और बचाव कार्य चला रहे लोगों की मदद के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है. बचाव दल ने श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के ढहे हुए हिस्से का निरीक्षण किया और अंदर जाने की कोशिश भी की. लेकिन मलबे के कारण अदंर जाने में फिलहाल सफलता नहीं मिल पाई है और आगे की रणनीति तैयार की जा रही है. 

रात से जारी है बचाव कार्य

  • सुरंग में 13 किलोमीटर तक रास्ता साफ है.
  • 14 किलोमीटर अंदर निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढहा है.
  • घटनास्थल पर ढेर सारा मलबा जमा हो गया है.
  • मलबे के कारण बचाव दल आगे बढ़ने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं.
  • बचाव अभियान रात में भी जारी रहा.
  • सुरंग में फंसे लोगों को ताजा हवा पहुंचाई जा रही है.
  • सुरंग के अंदर से अभी भी तेज आवाज आ रही है.
  • एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर हैं.
  • सेना की भी मदद ली जा रही है.

तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि राज्य सरकार विशेषज्ञों की मदद ले रही है, जिनमें पिछले साल उत्तराखंड में इसी तरह की घटना में फंसे श्रमिकों को बचाने वाले लोग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की भी मदद ले रही है.

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राहुल गांधी ने घटना को लेकर चिंता जताई

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एक सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद उसमें आठ लोगों के फंसने की घटना को लेकर चिंता व्यक्त की और उनकी सुरक्षा की उम्मीद जताई. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें बताया गया है कि राज्य सरकार बचाव दलों के साथ, फंसे लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि बचाव अभियान जारी है और राज्य सरकार आपदा राहत दलों के साथ फंसे लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है.” बता दें तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है.

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SLBC सुरंग हादसे पर तेलंगाना के मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा, "घटना के संबंध में जांच और बचाव कार्य जारी है. सरकार इस मामले की गहन जांच करेगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जो लोग अंदर फंसे हैं, हम उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रहे हैं..."

फंसे हुए लोगों में से दो व्यक्ति इंजीनियर और दो ऑपरेटर हैं. चार अन्य मजदूर हैं. ये सभी उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को फोन कर घटना की जानकारी ली और बचाव अभियान के लिए केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री को स्थिति से अवगत कराया तथा बताया कि फंसे हुए लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं. रेड्डी ने यह भी बताया कि राज्य के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपल्ली कृष्ण राव घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे हैं.

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सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री रेड्डी लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और उन्होंने अधिकारियों को फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.

कैसे हुए ये हादसा

बताया जा रहा है कि हाल ही में निर्माण कार्य फिर से शुरू होने के बाद, शनिवार सुबह पहली पाली में 50 लोग 200 मीटर लंबी सुरंग बोरिंग मशीन लेकर सुरंग के अंदर गए थे. अधिकारी ने बताया, 'कार्य के सिलसिले में वे सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक गए थे, तभी अचानक छत ढह गई. मशीन के आगे चल रहे दो इंजीनियरों समेत आठ सदस्य फंस गए, जबकि 42 अन्य सुरंग के बाहरी गेट की ओर भागे और बाहर आ गए. ये कर्मी सुरंग के 14 किलोमीटर अंदर फंसे हुए हैं.

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उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, 'हमारी सरकार उन आठ लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. हमने उत्तराखंड की घटना में लोगों को बचाने में शामिल विशेषज्ञों से भी बात की है.' केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने दुर्घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालें.

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