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नई दिल्ली: तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने बीते दिनों अपने विधायकों को खरीदने की कोशिश करने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रविवार को दावा किया कि उनकी पार्टी के चार विधायकों को दिल्ली के ब्रोकरों ने खरीदने की कोशिश की थी. साथ ही उन्होंने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर निशाना साथा. केसीआर ने कहा कि आज मैं अपने उन्हीं विधायकों के साथ एक मंच पर ही. इससे इतना तो साफ होता है कि हमे कोई तोड़ नहीं सकता. मैं आपको बता दूं कि दिल्ली के कुछ ब्रोकरों ने तेलंगाना के आत्मसम्मान को चुनौती दी थी. उन्होंने हमारे चार विधायकों को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की थी.
उन्होंने आगे कहा कि मैं आज ये इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मेरे विधायकों इस प्रयास के खिलाफ आवाज उठाई है. मैं आपको साफ कर देना चाहता हूं कि वो सिर्फ तेलंगाना को हड़पना चाहते हैं.. मैंने किसानों से कह रहा हूं , जब हम वोट करें तो हमे सतर्क और सावधान रहना है. हमे बताना है कि हमे कोई रिश्वत देकर बहला नहीं सकता है.
बता दें कि केसीआर आरोपों के बीच कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने केसीआर पर हमला बोला था. तेलंगाना में "ऑपरेशन लोटस" के आरोपों को बीजेपी ने उप-चुनाव से जोड़ दिया था. बीजेपी का कहना था कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने इस महीने की शुरुआत में अपनी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति में लॉन्च किया है. इसके बाद उपचुनाव जीतना उनके लिए जरूरी हो गया था. इसलिए टीआरएस बीजेपी पर ऐसे आरोप लगा रही है. बता दें कि 3 नवंबर को मुनुगोड़े में उपचुनाव होना है.
इस मामले में टीआरएस के विधायक पायलट रोहित रेड्डी (Rohit Reddy) की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था. पुलिस एफआईआर (FIR) में कहा गया था कि दिल्ली के रहने वाले रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा और हैदराबाद निवासी नंद कुमार दोनों बीजेपी (BJP) से जुड़े हुए हैं. इन दोनों पर आरोप है कि वे टीआरएस विधायकों से मिले और पार्टी से इस्तीफा देकर अगले चुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया. ऐसा करने के लिए उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई.
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