सोशल मीडिया पर बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स ऐप को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक और एप को लेकर बवाल मच गया है. ये नया बखेड़ा टेक फॉग ऐप (Tek Fog) को लेकर छिड़ा है. इसमें दावा किया गया है कि व्हाट्सऐप के जो लाखों अकाउंट भारत में निष्क्रिय हुए हैं, बीजेपी की आईटी सेल ( BJP's IT Cell) उनका इस्तेमाल कर रही है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसको लेकर संसदीय समिति की बैठक बुलाने की मांग तक कर दी है. न्यूज पोर्टल ‘द वायर' ने दावा किया है कि बीजेपी की आईटी सेल ‘टेक फॉग' का कथित तौर पर इस्तेमाल कर रही है, ताकि निष्क्रिय व्हाट्सएप अकाउंट ( WhatsApp Inactive Account) पर नियंत्रण हासिल किया जा सके और दूसरे नंबरों पर संदेश भेजा जा सके. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड्स का अपने हिसाब से इस्तेमाल किया जा सके.
व्हाट्सऐप ने एक माह में 17.5 लाख से अधिक भारतीय खातों को बंद किया: रिपोर्ट
राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन (TMC MP Derek O'Brien) ने सोशल मीडिया ट्रेंड पर कंट्रोल और उससे छेड़छाड़ के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए संसदीय समिति की बैठक बुलाने की मांग रखी है. ओब्रायन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शर्मा को सोमवार को दूसरी बार पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि इस ऐप का ऐसे इस्तेमाल करना देश की सुरक्षा और निजता के लिए गंभीर खतरा है. गृह मामलों की संसदीय समिति के सदस्य ओब्रायन ने आरोप लगाया है कि इन नंबरों को हाइजैक करने की टेक्निक वही है जो पेगासस स्पाइवेयर द्वारा इस्तेमाल की गई थी.
पत्र में कहा गया है कि टेक फॉग व्हाट्सऐप को ग्रुप नेटवर्क के पास अपने आप मैसेज भेजने की सुविधा देता है. इससे सोशल मीडिया मंचों पर गलत जानकारियों और फर्जी खबरों, गुमराह करने वाले और सियासी सिगूफे गढ़ने वाले मैसेज की बाढ़ आ सकती है. डेरेक ने कहा कि टेक फॉग ऐप से साइबर फौज (Cyber Trolls) लोगों के व्हाट्सऐप अकाउंट को हाईजैक कर सकती है. उन्हें कोई स्पैम भेजकर उन पर कंट्रोल कर सकती है. इसके बाद वो उस यूजर की कांटैक्ट लिस्ट में मौजूद उन सभी निष्क्रिय व्हाट्सऐप अकाउंट पर दूर बैठे बैठे ही नियंत्रण हासिल कर लेते हैं. फिर इन इनएक्टिव व्हाट्सऐप अकाउंट के जरिये सभी कांटैक्ट्स पर मनमुताबिक मैसेज भेजे जाते हैं.
टीएमसी सांसद ने कहा, जो भी नंबर हाईजैक होता है, उसके सभी कांटैक्ट एक डेटाबेस या क्लाउड में सिंक होते चले जाते हैं और फिर इनके जरिये फेक न्यूज फैलाने या ट्रोलिंग या अन्य तरह की छेड़छाड़ की जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये ऐप्लीकेशन स्वचालित तरीके से व्हाट्सऐप मैसेज विभिन्न नेटववर्क के ग्रुप या समूहों में भेजने में सक्षम है. इससे सोशल मीडिया पर किसी फेक न्यूज की बाढ़ आ सकती है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की निष्पक्षता के लिए भी खतरा बताया है.
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