क्या बिहार के राजनीतिक समीकरण एक बार फिर बदलेंगे? ये कयास जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश कुमार को मिले एक नए प्रस्ताव के बाद लगने शुरू हो गए हैं. दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनणना के अपने इरादे पर आगे बढ़ना चाहते हैं. ये काम राज्य के ख़र्चे पर भी कराने को वो तैयार हैं. लेकिन उनकी सहयोगी बीजेपी इसके लिए हिचक रही है. इस पर सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के सवाल पर पार्टी नेताओं को अपने आलाकमान के इशारे का इंतज़ार है.
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इस बीच राष्ट्रीय जनता दल ने इस मुद्दे पर सीएम नीतीश को आगे बढ़ने की सलाह दी है और वादा किया है कि सरकार पर संकट आया तो वह साथ देंगे. राष्ट्रीय जनता दल के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश जी घबराइए मत. सार्वजनिक रूप से आप कभी कभी पलट जाते हैं लेकिन हम लोग सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि जब आप बढ़ेंगे तो आप अपने को अकेला महसूस नहीं करेंगे.
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वहीं जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उपेन्द्र कुशवहा ने कहा कि ज्ञातजातीय जनगणना की ओर जो हमारा कदम बढ़ा है, वो कदम बढ़ता रहेगा. उधर, राजद की ओर से आए बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसके लिए उनका धन्यवाद कहते हैं. इस मुद्दे पर पहले से ही सभी राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है.
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