NEET पेपर लीक मामले में एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच अब बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बहुत बड़ा दावा करते हुए कहा है कि "तेजस्वी यादव के पर्सनल सैक्रेटरी प्रीतम कुमार का इस मामले सीधा संबंध है". उन्होंने कहा, "सत्ता में रहते हैं तब भी नियुक्तियों में घोटाला करते हैं और सत्ता में नहीं होते हैं तब भी नियुक्ति को प्रभावित करने का खेल खेलते हैं. लोग कह रहे हैं कि प्रीतम कुमार, सिकंदर यादव का दूर का संबंधी है." उन्होंने कहा, "यह भी जांच का विषय है और अधिकारी इसकी जांच करेंगे."
विजय सिन्हा ने कहा, "प्रतिपक्ष जवाब दें कि प्रीतम कुमार आपके साथ था कि नहीं, उसने फोन किया था". उन्होंने कहा, "कोई पत्र नहीं है. हमने विभाग में बात किया है, हमको इंचार्ज ने कहा कि आवंटन लैटर हमने जारी ही नहीं किया. हमने तीनों पदाधिकारियों से स्पष्टिकरण लेते हुए उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी किया है."
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— NDTV India (@ndtvindia) June 20, 2024
उन्होंने कहा, "हमारे गेस्ट हाउज में जो-जो लोग ठहरे थे, उनकी डिटेल्स मांगी गई हैं. इस तरह के वातावरण बिहार और बिहारी शब्द को कंलकित करता है, उनपस सख्त कार्रवाई करने का हमने निर्देश दिया है और मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया है".
क्या है पूरा मामला
नीट पेपर लीक मामले में हर एक कैंडिडेट से 30 से 32 लाख रुपये लिए गए थे. इसके बाद सभी कैंडिडेट्स को सरकारी गेस्ट हाउज में रुकवाया गया था, जहां कमरा नंबर 404 में छात्रों को न केवल परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र दिए बल्कि साथ ही उन्हें वहां सभी प्रश्नों को उत्तर भी रटवाए. इस मामले में बिहार पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें वो अभ्यार्थी भी शामिल हैं, जिन्होंने इस गिरोह को पैसा देकर पहले ही NEET का प्रश्न पत्र हासिल कर लिया था.
अभ्यर्थी ने कबूली अपनी गलती
इस मामले में एक अभ्यर्थी ने पुलिस के सामने अपनी गलती को स्वीकार किया है. अपने कबूलनामें में अनुराग नाम के अभ्यर्थी ने माना है कि उसे परीक्षा से पहले जो प्रश्नपत्र मिला उसमें जो सवाल थे, वही सवाल अगले दिन परीक्षा में आए थे. पुलिस के मुताबिक इस मामले के मास्टरमाइंड सिकंदर ने अपने साले की पत्नी रीना यादव के बेटे अनुराग यादव समेत कुछ अभ्यर्थियों को NHAI के गेस्ट हाउज में रुकवाया था.
सॉल्वर गैंग ने कराई थी अभ्यार्थियों के रुकने की व्यवस्था
जानकारी के मुताबिक सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने ही अभ्यर्थियों के रुकने की व्यवस्था कराई थी. बिहार पुलिस को शक है कि सॉल्वर गैंग ने जिन अभ्यार्थियों ने संपर्क किया था उन सभी से गैंग ने 30-35 लाख रुपये की मांग की थी. पटना में पुलिस को एक कॉलोनी से ऐसे दर्जनभर एटीएम कार्ड और पुराने चेक मिले हैं, जो इस कांड में शामिल गिरोह के सदस्यों के नाम पर ही जारी किए गए थे.
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