
गुजरात:
गुजरात पुलिस ने धन के कथित गबन मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की अग्रिम जमानत का विरोध किया है। उच्चतम न्यायालय में अपनी दलील रखते हुए गुजरात पुलिस ने कहा है कि तीस्ता और उनके पति ने सामाजिक काम की बजाय धन का 'गबन' शराब और विलासिता जैसे अपने निजी खर्चे के लिये किया, साथ ही साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की कोशिश भी की गई है।
गुजरात पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा कि सबरंग ट्रस्ट और सिटीज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस के ट्रस्टी के रूप में सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद ने 'विविध तरीकों से' कथित रूप से सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले धन का गबन किया और गुजरात दंगा पीड़ितों के पुनरूद्धार में उपयोग किए जाने वाले धन को अपने इस्तेमाल का कोष बना लिया।
हलफनामे में कहा गया है कि 2002 के दंगों में बर्बाद हुयी गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय के लिये एकत्र कोष के कथित गबन की जांच में इस दपंति ने बेहद निजी किस्म के खर्चे को 'धर्मनिरपेक्ष' या 'कानूनी सहायता व्यय' की मद में दर्शाया है। इसी हलफनामे के अनुसार जांच में व्हिस्की और रम , सिंघम, जोधा अकबर और पा जैसी फिल्मों की सीडी और कई चश्मों की खरीद , मुंबई के मंहगे रेस्तरां में खान पान के वाउचर सबूत के रूप में उपलब्ध हैं।
अपराध शाखा ने ये भी कहा कि जांच में पता चला कि 'धर्मनिरपेक्ष शिक्षा' और 'कानूनी सहायता खर्च' की मद के अंतर्गत सीतलवाड़ ने मेडिकल खर्च के नाम पर नैपकिन खरीदने के पैसे लिए और 'आश्चर्य की बात यह है' कि उनके पति ने भी इसी मद में पैसा लिया। गुजरात पुलिस ने इस दंपति पर जांच में सहयोग नहीं करने और रटा रटाया जवाब देने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने एफआईआर में तीस्ता की संस्था सबरंग कम्यूनिकेशन पर बिना इजाज़त फोर्ड फाउंडेशन से 1.5 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया है। तीस्ता काफी समय से 2002 में हुए गुजरात दंगों के पीड़ितों के समर्थन में बात करती आ रही हैं।
गुजरात पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा कि सबरंग ट्रस्ट और सिटीज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस के ट्रस्टी के रूप में सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद ने 'विविध तरीकों से' कथित रूप से सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले धन का गबन किया और गुजरात दंगा पीड़ितों के पुनरूद्धार में उपयोग किए जाने वाले धन को अपने इस्तेमाल का कोष बना लिया।
हलफनामे में कहा गया है कि 2002 के दंगों में बर्बाद हुयी गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय के लिये एकत्र कोष के कथित गबन की जांच में इस दपंति ने बेहद निजी किस्म के खर्चे को 'धर्मनिरपेक्ष' या 'कानूनी सहायता व्यय' की मद में दर्शाया है। इसी हलफनामे के अनुसार जांच में व्हिस्की और रम , सिंघम, जोधा अकबर और पा जैसी फिल्मों की सीडी और कई चश्मों की खरीद , मुंबई के मंहगे रेस्तरां में खान पान के वाउचर सबूत के रूप में उपलब्ध हैं।
अपराध शाखा ने ये भी कहा कि जांच में पता चला कि 'धर्मनिरपेक्ष शिक्षा' और 'कानूनी सहायता खर्च' की मद के अंतर्गत सीतलवाड़ ने मेडिकल खर्च के नाम पर नैपकिन खरीदने के पैसे लिए और 'आश्चर्य की बात यह है' कि उनके पति ने भी इसी मद में पैसा लिया। गुजरात पुलिस ने इस दंपति पर जांच में सहयोग नहीं करने और रटा रटाया जवाब देने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने एफआईआर में तीस्ता की संस्था सबरंग कम्यूनिकेशन पर बिना इजाज़त फोर्ड फाउंडेशन से 1.5 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया है। तीस्ता काफी समय से 2002 में हुए गुजरात दंगों के पीड़ितों के समर्थन में बात करती आ रही हैं।
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