सातवां वेतन आयोग की रिपोर्ट के कई मुद्दों पर कर्मचारियों को आपत्ति रही है.
नई दिल्ली:
दिवाली की मौसम है या कहें त्योहारों का सीजन चल रहा है. सरकारी नौकरी हो या फिर प्राइवेट नौकरी सभी को इस समय बोनस की दरकार है. सरकारी कर्मचारियों के लिए तो सरकार की ओर से ऐलान हो गया है और कई राज्य सरकारें या तो ऐलान कर चुकी हैं या फिर ऐलान करने की प्रक्रिया में है. वैसे ही प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को भी बोनस मिलना शुरू हो गया है और कुछ संस्थानों में कुछ ही दिनों में बोनस मिल ही जाएगा. ऐसे माहौल में अगर सरकारी नौकरी करने वालों को यदि बोनस ही नहीं वेतन में वृद्धि की खबर मिले तो त्योहार में मजा दोगुना हो जाएगा.
बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने देश के केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के टीचरों और स्टाफ के लिए यह तोहफा दिया है. बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लगभग 7.58 लाख शिक्षकों को मिलेगा.
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प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने एक अहम फैसले में केंद्रीय यूनिवर्सिटी, राज्य यूनिवर्सिटी और यूजीसी से जिन कॉलेजों को सहायता मिलता है इन सबके 7 लाख 58 हजार प्राध्यापकों को सातवें वेतन आयोग का फायदा देने का फैसला लिया है. इसमें केंद्रीय यूनिवर्सिटी और आईआईटी जैसे 213 संस्थान भी शामिल हैं जिसकों केंद्र सरकार 100 फीसदी फाइनेंस करती है. इसके 58 हजार प्राध्यापकों को इसका लाभ मिलेगा. इसका वहन वेतन आयोग करेगा.
यह भी पढ़ें : 7वां वेतन आयोग : वित्तमंत्रालय ने भत्तों को लेकर केंद्र के फैसले पर अधिसूचना जारी की
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 329 स्टेट यूनिवर्सिटी और 12,912 कॉलेज के 7 लाख प्रोफेसर, असिस्सेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को इसका लाभ मिलेगा. इन सबको 1 जनवरी 2016 से इसका फायदा मिलेगा. यह बढ़ोतरी 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक की बढ़त है. 22 फीसदी से 28 फीसदी तक इजाफा हुआ है.
VIDEO: 7वां वेतन आयोग : भत्तों को मिली मंजूरी
राज्यों द्वारा संचालित विश्वविद्यालों में इस फैसले को लागू करन के लिए राज्य सरकारों की सहमति जरूरी होगा. साथ ही केंद्र सरकार राज्यों पर जो अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा उसका वहन भी करेगी. इस फैसले के केंद्र सरकार पर 9800 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा.
बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने देश के केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के टीचरों और स्टाफ के लिए यह तोहफा दिया है. बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लगभग 7.58 लाख शिक्षकों को मिलेगा.
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प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने एक अहम फैसले में केंद्रीय यूनिवर्सिटी, राज्य यूनिवर्सिटी और यूजीसी से जिन कॉलेजों को सहायता मिलता है इन सबके 7 लाख 58 हजार प्राध्यापकों को सातवें वेतन आयोग का फायदा देने का फैसला लिया है. इसमें केंद्रीय यूनिवर्सिटी और आईआईटी जैसे 213 संस्थान भी शामिल हैं जिसकों केंद्र सरकार 100 फीसदी फाइनेंस करती है. इसके 58 हजार प्राध्यापकों को इसका लाभ मिलेगा. इसका वहन वेतन आयोग करेगा.
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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 329 स्टेट यूनिवर्सिटी और 12,912 कॉलेज के 7 लाख प्रोफेसर, असिस्सेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को इसका लाभ मिलेगा. इन सबको 1 जनवरी 2016 से इसका फायदा मिलेगा. यह बढ़ोतरी 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक की बढ़त है. 22 फीसदी से 28 फीसदी तक इजाफा हुआ है.
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राज्यों द्वारा संचालित विश्वविद्यालों में इस फैसले को लागू करन के लिए राज्य सरकारों की सहमति जरूरी होगा. साथ ही केंद्र सरकार राज्यों पर जो अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा उसका वहन भी करेगी. इस फैसले के केंद्र सरकार पर 9800 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा.
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