तमिलनाडु पुलिस प्रमुख ने आज एक वीडियो जारी कर उन दावों को खारिज कर दिया कि राजभवन पर हमला हुआ था और बम ले जाने वाले उपद्रवियों ने मुख्य द्वार से परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की थी. पुलिस महानिदेशक शंकर जिवाल ने कहा, "कोई सुरक्षा चूक नहीं हुई है."
डीजीपी ने कहा, "शिकायत में राजभवन के अधिकारी द्वारा दावा किया गया था कि एक से अधिक लोग शामिल थे और जब उन्होंने राजभवन में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उन्हें संतरी ने रोका. ऐसे सभी दावे सच्चाई के विपरीत हैं."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "आरोपी को उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए भेजा जाएगा."
अपनी पुलिस शिकायत में, राजभवन ने बुधवार को द्रमुक और सहयोगी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा राज्यपाल पर गंदी गालियां देने और जान से मारने की धमकियां देने के लिए निशाना साधा. इसमें कहा गया है, "इन धमकियों का उद्देश्य राज्यपाल को भयभीत करना और उनके संवैधानिक कर्तव्यों को रोकना है."
मंत्री ने संदेह व्यक्त किया कि जिस व्यक्ति पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने का संदेह है, राज्य सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया था.
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