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This Article is From Mar 13, 2023

भारत के ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे तालिबानी राजनयिक

सूत्रों का कहना है कि ये ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसे विदेश मंत्रालय की देखरेख में आईआईएम चलाता है और ये विभिन्न देशों के राजनयिकों के लिए खुला है.

भारत के ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे तालिबानी राजनयिक
नई दिल्ली:

तालिबान सरकार की तरफ़ से जारी एक मेमो के मुताबिक़ तालिबान सरकार ने अपने डिप्लोमैट्स को 14 से 17 मार्च तक भारत की तरफ़ से दिए जा रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने की जानकारी दी है. ये मेमो तालिबान विदेश मंत्रालय के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिप्लोमेसी के महानिदेशक मुफ़्ती नुरुल्लाह अज़्जाम की तरफ़ से जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि भारतीय दूतावास से एक अनौपचारिक जानकारी मिली है कि IIM विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए एक अल्प अवधि का कोर्स आयोजित कर रहा है. 2021 के अगस्त में तालिबान के काबुल पर कब्ज़े के बाद ये पहला मौक़ा है जब भारत की तरफ़ से दी जाने वाली ट्रेनिंग में तालिबानी राजनयिक शामिल होंगे. 

विदेश मंत्रालय की तरफ़ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. हालांकि भारतीय सूत्र इसे तालिबान विशेष के लिए आयोजित ट्रेनिंग नहीं बता रहे. सूत्रों का कहना है कि ये ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसे विदेश मंत्रालय की देखरेख में आईआईएम चलाता है और ये विभिन्न देशों के राजनयिकों के लिए खुला है. ये सिर्फ़ अफ़ग़ानिस्तान के लिए नहीं है और इसमें हिस्सेदारी से किसी को रोका भी नहीं गया है. 

ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आईआईएम कोझिकोड के तहत इंडियन टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन इंस्टीट्यूट (ITEC) का है जिसे इमर्सिंग विद इंडियन थॉट (Immersing with Indian Thought) का नाम दिया गया है. ITEC के ट्वीट के मुताबिक़ इमर्शिंग विद इंडियन थॉट ट्रेनिंग प्रोग्राम अलग अलग क्षेत्रों के विदेशी प्रतिनिधियों को भारतीय व्यापार, पर्यावरण, सांस्कृतिक विरासत और रेगुलेटरी इकोसिस्टम की गहरी समझ देने के लिए है.

मिली जानकारी के मुताबिक़ इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में तालिबान के राजनयिक काबुल के अफ़ग़ान इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिप्लोमेसी से ऑनलाइन हिस्सा लेंगे  न कि भारत आकर. तालिबान के कब्ज़े के बाद कनाडा में रह रहे अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकार ने तालिबान सरकार के मेमो के साथ किए गए अपने ट्वीट में दावा किया है कि ये भारत सरकार की तरफ़ से तालिबान के लिए ख़ास प्रशिक्षण कार्यक्रम है. ये देखना अहम होगा कि इस ट्रेनिंग का तालिबान के राजकाज में सुधार को लेकर कैसा असर होता है.

ग़ौरतलब है कि भारत पहले जब अफ़ग़ानिस्तान में चुनी हुई सरकार थी तब वहां के डिप्लोमैट्स और सैन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग देता रहा है. भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. हालांकि भारत ने पिछले साल जून में ही काबुल स्थित भारतीय दूतावास को खोल कर वहां अपनी एक टेक्नीकल टीम की मौजूदगी बना रखी है. इसके अलावा मानवीय मदद के तौर पर भारत अफ़ग़ानिस्तान की जनता के लिए हज़ारों टन से अधिक गेंहूं भेज चुका है.

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