
मेजर जनरल (रिटायर्ड) संजय मेस्टन के मुताबिक तहव्वुर राणा का जिंदा रहना बहुत जरूरी है. भारत पहुंचने के बाद पाकिस्तान उसकी जान का दुश्मन बन जाएगा. ऐसे में मुंबई हमले का लिंक पता करने तक तहव्वुर को सेफ रखना होगा. मेस्टन के मुताबिक अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में तहव्वुर राणा भारत आने से पहले गिड़गिड़ा रहा था कि वह पाकिस्तानी है. मैं मुस्लिम हूं. मैं बीमार हूं. मुझे भारत में मारा जाएगा. लेकिन तहव्वुर राणा की जान भारत के लिए बहुत कीमती है. वह रणनीतिक लिहाज से बहुत काम का है. उसका जिंदा रहना बहुत जरूरी है.
मुंबई हमले के सारे तार तहव्वुर से जुड़े हुए हैं. उसको बहुत अच्छे तरीके से हैंडल करने की जरूरत है. यही वजह है कि दिल्ली पुलिस और एनआईए ने सिक्यॉरिटी इतनी टाइट की है. तहव्वुर को आखिर कौन मारना चाहेगा. जाहिर है पाकिस्तान. पाकिस्तान के कई राज उसके सीने में दफन हैं. हमें कोर्ट के जो नियम हैं, उनका पलान करते हुए उसे सजा दिलानी चाहिए. जब सारे तार मिल जाएंगे, तब कसाब की तरह उसे फांसी पर चढ़ाया जाएगा.
मुंबई : ताज हमले की कहानी... NDTV के रिपोर्टर की जुबानी#TahawwurHussainRana | @jitendradixit | @RajputAditi pic.twitter.com/4kvlSgrH1I
— NDTV India (@ndtvindia) April 10, 2025
क्या हैं वे राज जो बस तहव्वुर को पता हैं
मेस्टन के मुताबिक तहव्वुर के सीने में ऐसे राज दफन हैं, जो पाकिस्तान की आतंक की फैक्ट्री और भारत में उसके स्लीपर सेल को बेनकाब कर सकते हैं. ये राज हैं--
- मुंबई हमले में उसने डेविड हेडली को कैसे भर्ती किया?
- तहव्वुर लश्कर-ए-तैयाब के संपर्क में कैसे आया
- मुंबई हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का क्या रोल था?
- कनाडा में भारतीय एंबेसी से तहव्वुर को आखिर वीजा कैसे मिला?
- डेविड हेडली को अमेरिका में भारतीय एंबेसी से वीजा कैसे मिला?
- दोनों को वीजा दिलाने में तहव्वुर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का क्या रोल था?
मेस्टन कहते हैं कि मुंबई में हुए हमले ने साफ कर दिया है कि आतंकियों के पास भारत, कनाडा और अमेरिका में पूरा सपोर्ट सिस्टम था. वह लगातार उनकी मदद कर रहा था. भारत में भी इसका सपोर्ट सिस्टम था. तहव्वुर को जैसे भारत आने पर गाड़ियां और पैसे मिले, वह यह साबित करता है.
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