मंगलवार को मुंबई पुलिस को गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक संदिग्ध नाव मिली. इस नाव पर अब्दुल्लाह शरीफ नाम लिखा हुआ था. जानकारी के मुताबिक, पुलिस को ये नाव मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास मिली. पुलिस ने जानकारी दी कि इसमें 3 लोग सवार थे, ये सभी तामिलनाडु के कन्याकुमारी के रहने वाले हैं. तीनों को पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जांच में पता चला है कि तीनों को नाव पर काम करने के पैसे नहीं मिले तो वे कुवैत से नाव लेकर भारत आ गए. कोलाबा पुलिस ने तीनों मछुआरों को पासपोर्ट अधिनियम के उलंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. तीनों पर भारत में प्रवेश के लिए उचित प्रक्रिया का पालन न करने का आरोप है.
A suspcious boat, named "Abdullah Sharif", found near Gateway of India. The boat had three people onboard, all of them hail from Tamil Nadu's Kanyakumari. The boat has arrvied from Kuwait and has been impounded. The three people are being questioned. Colaba Police is present at…
— ANI (@ANI) February 6, 2024
कुवैत की नाव भारत पहुंची, हो रही जांच
कोलाबा पुलिस ने बताया कि इन नाव को कुवैत से लाया गया है. इस मामले पर और पूछताछ भी की गई. पुलिस ने जानकारी दी कि नाव पर सवार 3 लोग तामिलनाडु के कन्याकुमारी के रहने वाले हैं. हालांकि इनके पास से किसी तरह का कोई संदिग्ध सामान नहीं मिला. पुलिस इस मामले को गंभीरता से जांच रही है. समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर कहा कि गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक संदिग्ध नाव मिली थी. इस नाव का नाम अब्दुल्ला शरीफ है, जो कुवैत से लाया गया है.
काम का पैसा नहीं मिला तो नाव लेकर भागे मछुवारे
मछवारों के नाम नित्सो डिट्टो,शिशु विजय विनय एंथोनी और जे. सहयंता अनीश हैं. पुलिस के मुताबिक तीनों को तमिलनाडु के एक एजेंट कैप्टन मदन ने दो साल पहले कुवैत भेजा था. वहां तीनों पिछले दो साल से कुवैत में अब्दुला शरीफ की नाव 'अब्दुला शरीफ 1' पर मछुआरे के तौर पर काम कर रहे थे. लेकिन इन दो सालों में नाव मालिक ने काम का पैसा उनको नहीं दिया उल्टा उनके साथ मारपीट भी की. परेशान मछुआरों ने जब मालिक से अपना भारतीय पासपोर्ट मांगा तो उन्हें पासपोर्ट भी नहीं दिया और नौकरी छोड़कर भाग जाने पर जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद तीनों ने मिलकर भागने का प्लान बनाया और 28 जनवरी को नाव लेकर भारत की तरफ समंदर में निकल गए और 8 दिन बाद मुंबई किनारे पहुंचे.
मुंबई पुलिस की पैट्रोलिंग बोट चैत्राली पर सवार पुलिसकर्मियों की नजर उन पर पड़ी और रोककर उनसे पूछताछ की तो नाव कुवैत की होने का पता चला. अब कुवैत से नाव भारत में कैसे पहुंची ? नौसेना और कोस्ट गार्ड की नजर क्यों नहीं पड़ी ? पुलिस के साथ आईबी, कोस्टगार्ड, इमिग्रेशन , नौसेना और कोस्ट गार्ड जैसी एजेंसियां जांच पड़ताल में जुटी हैं.
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