भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी प्रदीप शर्मा को भ्रष्टाचार के एक मामले में राज्य के भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पूर्व गुजरात सरकार के साथ शर्मा का टकराव होता रहा है।
एसीबी निदेशक (प्रभारी) आशीष भाटिया ने बताया, 'भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत आज हमने शर्मा को सुबह गिरफ्तार कर लिया। कल हमारे समक्ष दर्ज शिकायत के मुताबिक शर्मा ने एक निजी कंपनी वेलस्पन से 29 लाख रुपये प्राप्त किए। रकम पहले शर्मा की पत्नी के खाते में जमा की गई और फिर उनके खाते में भेजी गई।'
भाटिया ने कहा, 'यह एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कथित तौर पर घूस लेने का मामला है, जब वह कच्छ के जिलाधिकारी थे।' प्रदीप शर्मा और उनके भाई एवं आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा (अब सेवानिवृत्त) का मोदी के नेतृत्व वाली पूर्व राज्य सरकार के साथ टकराव चल रहा था।
निलंबित आईएएस अधिकारी का नाम दो पोर्टल की ओर से जारी स्नूपगेट टेप में भी आया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर गुजरात में एक महिला की कथित तौर पर जासूसी की गई।
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