Sushant Rajput Death Case: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant singh Rajput) मौत मामले की जांच तेज होने के बीच बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey)ने कहा है कि यह मामला अब राजनीतिक बनता जा रहा है. बिहार के पुलिस प्रमुख पांडे ने NDTV से बातचीत में कहा, 'जब यह हादसा हुआ था तो हमने इसके खराब मोड़ (Ugly turn) लेने की कल्पना नहीं की थी..इस मामले नेअब राजनीतिक रूप ले लिया है.'गौरतलब है कि सुशांत को 14 जून को उनके मुंबई के बांद्रा स्थित आवास में मृत पाया गया था. मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला करार दिया था. सुशांत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' पिछले माह जुलाई में रिलीज हुई है.
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सुशांत के परिजनों ने जुलाई में पटना में एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें गर्लफ्रेंड रिया चक्रबर्ती पर इस 34 वर्षीय एक्टर के साथ वित्तीय धोखाधड़ी करने और खुदकुशी के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया था. मुंबई पुलिस भी इस मामले में जांच कर रही है. सुशांत के पिता की याचिका पर सीबीआई भी एफआईआर दर्ज कर चुकी है. इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी भी मनी लांड्रिग के आरोपों की जांच कर रहा है.
मामले के दोनों राज्यों के बीच कशमकश की स्थिति बन गई है. बिहार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि मामला सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित लेकिन एक माह में दर्जनों लोगों से पूछताछ के बावजूद महाराष्ट्र ने दो माह में अब तक कुछ नहीं किया है. सुशांत का मामला बिहार के अधिकार क्षेत्र में आता है या नहीं, इस सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हमारे हिसाब यह मामला अधिकार क्षेत्र में आता है, क्योंकि इसमें मनी ट्रेल यानी पैसे का मामला है. सुशांत के पिता ही उसके स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं. मामले पार्शियल कॉज ऑफ एक्शन पटना में भी बनता है क्योंकि इसमें मनी ट्रेल है. इसलिए यह मामला दर्ज हुआ. सुशांत विवाहित नहीं थे, उसके पिता अब इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने कहा, चूंकि यह मामला अभी शीर्ष अदालत में हैं, इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता.' इस मामले की जांच के लिए मुंबई पहुंचे बिहार के आईपीएस अफसर विनय तिवारी को बीएमसी द्वारा क्वारंटाइन करने के मुद्दे पर बिहार पुलिस प्रमुख ने कहा, 'जब एफआईआर (सुशांत के परिवार द्वारा) दर्ज कराई गई तो जांच के लिए सूबत एकत्रित करने के लिए हमारी चार सदस्य टीम एक हफ्ते के लिए मुंबई गई. मुंबई पुलिस ने किसी ने भी अधिकार क्षेत्र (jurisdiction issue) की बात नहीं की. ' केस की अब तक की प्रगति के बारे में उन्होंने बताया कि हमने 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. हमारे पास मेडिको-लीगल रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट या सीसीटीवी फुटेज नहीं है. हमने जो भी सबूत एकत्र किए हैं, हम सही प्लेटफॉर्म पर इसके डिटेल शेयर कर सकते हैं.'
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