नई दिल्ली:
नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक्स से जुड़े कुछ और पहलू सामने आए हैं. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सर्जिकल स्ट्राइक्स के तुरंत बाद पाकिस्तान सेना ने आतंकी सरगनाहों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया.
सूत्रों के हवाले से यह बात भी सामने आ रही है कि पाक सेना ने अपने ठिकानों पर उन्हें शरण दी. इतना ही नहीं लश्कर और हिज्बुल के आतंकी सरगनाओं हाफ़िज़ सईद और सैयद सलाउद्दीन को सेना ने अपने ठिकानों में शरण दी. स्ट्राइक्स के बाद आतंकियों के लॉन्च पैड अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट कर दिया.
भारतीय सेना ने की थी पुख्ता तैयारियां
ये तथ्य भी सामने आ रहे हैं कि जो आतंकी ठिकाने तय किए गए, सिर्फ़ वही निशाने बनाए गए. भारतीय टीमें जिन रास्तों से गईं उन रास्तों से नहीं लौटीं. लौटने के लिए दूसरे रास्तों का इस्तेमाल किया गया. कोई साथी या शव पीछे छोड़कर ना आने के सख़्त आदेश थे. जो ठिकाने ध्वस्त किए गए उनमें काफ़ी आतंकी मौजूद थे. रात के वक़्त जिस तेज़ी से हमला उसमें बचने की गुंजाइश बहुत कम. हमले में मारे आतंकियों को गिनने की कोई स्थिति नहीं थी.
भारत ने किया पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग
पाकिस्तान को सार्क और संयुक्त राष्ट्र में अलग थलग करने की कूटनीति तैयार की गई. कूटनीति अपने अंजाम पर पहुंची. हमारी कार्रवाई यानी सर्जिकल स्ट्राइक का किसी भी देश ने विरोध नहीं किया. यहां तक कि चीन ने भी नहीं.
तो इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक को स्वीकर नहीं कर रहा पाकिस्तान
भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान नकार रहा है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि एक तो इन सबूतों को सार्वजनिक करने से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के लिए अंदरूनी दबाव काफ़ी बढ़ेगा. सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पाकिस्तान के पास भी हैं. वो अपनी ओर से भी इन सबूतों को सार्वजनिक नहीं कर रहा है क्योंकि वो जानता है कि उसके लिए इसके बाद दबाव झेलना संभव नहीं होगा. सार्वजनिक होने से मौजूदा स्थिति में एस्केलेशन होगा. लड़ाई की आशंका और बढ़ जाएगी. पाकिस्तान ऐसे हालात के लिए तैयार नहीं है.
सूत्रों के हवाले से यह बात भी सामने आ रही है कि पाक सेना ने अपने ठिकानों पर उन्हें शरण दी. इतना ही नहीं लश्कर और हिज्बुल के आतंकी सरगनाओं हाफ़िज़ सईद और सैयद सलाउद्दीन को सेना ने अपने ठिकानों में शरण दी. स्ट्राइक्स के बाद आतंकियों के लॉन्च पैड अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट कर दिया.
भारतीय सेना ने की थी पुख्ता तैयारियां
ये तथ्य भी सामने आ रहे हैं कि जो आतंकी ठिकाने तय किए गए, सिर्फ़ वही निशाने बनाए गए. भारतीय टीमें जिन रास्तों से गईं उन रास्तों से नहीं लौटीं. लौटने के लिए दूसरे रास्तों का इस्तेमाल किया गया. कोई साथी या शव पीछे छोड़कर ना आने के सख़्त आदेश थे. जो ठिकाने ध्वस्त किए गए उनमें काफ़ी आतंकी मौजूद थे. रात के वक़्त जिस तेज़ी से हमला उसमें बचने की गुंजाइश बहुत कम. हमले में मारे आतंकियों को गिनने की कोई स्थिति नहीं थी.
भारत ने किया पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग
पाकिस्तान को सार्क और संयुक्त राष्ट्र में अलग थलग करने की कूटनीति तैयार की गई. कूटनीति अपने अंजाम पर पहुंची. हमारी कार्रवाई यानी सर्जिकल स्ट्राइक का किसी भी देश ने विरोध नहीं किया. यहां तक कि चीन ने भी नहीं.
तो इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक को स्वीकर नहीं कर रहा पाकिस्तान
भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान नकार रहा है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि एक तो इन सबूतों को सार्वजनिक करने से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के लिए अंदरूनी दबाव काफ़ी बढ़ेगा. सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पाकिस्तान के पास भी हैं. वो अपनी ओर से भी इन सबूतों को सार्वजनिक नहीं कर रहा है क्योंकि वो जानता है कि उसके लिए इसके बाद दबाव झेलना संभव नहीं होगा. सार्वजनिक होने से मौजूदा स्थिति में एस्केलेशन होगा. लड़ाई की आशंका और बढ़ जाएगी. पाकिस्तान ऐसे हालात के लिए तैयार नहीं है.
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