पुलवामा में हुए आतंकी हमले और जवाब में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक-2 की घटना के बाद सरहद पर तनाव तेज है. सवाल उठ रहा है कि इस संवेदनशील हालात में क्या भारत में चुनाव के संभावित कार्यक्रमों पर असर पड़ेगा. क्या चुनाव देरी से होंगे. इस सवाल पर अब भारत निर्वाचन आयोग(Election Commission) की तरफ से जवाब आया है. मुंबई में इस बाबत जवाब देते हुए चुनाव आयुक्त अशोक ने कहा वे अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए संवैधानिक रूप से बंधे हैं. हालांकि 14 फरवरी को हुई पुलवामा की घटना के बाद से आयोग लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है.
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मुंबई में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अशोक लवासा ने कहा- चुनाव आयोग हर घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है. लवासा महाराष्ट्र में चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आए थे. उन्होंने कहा-हमने दो दिनों तक महाराष्ट्र में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की.हमने सभी राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग की. इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और पुलिस सहित चुनाव में सहयोग करने वालीं नोडल एजेंसियों से भी मीटिंग की. फर्जी मतदाताओं के सवाल पर बोले कि एक पार्टी ने यह मुद्दा उठाया है, हम 15 दिन में इसे सॉल्व करेंगे. महाराष्ट्र में कुल 95,473 पोलिंग स्टेशन हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार महाराष्ट्र में सभी ईवीएम से वीवीपैट जुड़ीं रहेंगी.
गौरतलब है कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए मंगलवार को सुबह कमर तोड़ दी .पीओके के आतंकी कैंप पर (Air Strike On Terrorist Camp) भारतीय वायुसेना (indian Air Force) ने हवाई हमला किया और उसके सारे कैंपों को तबाह कर दिया. सूत्रों ने बताया कि वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में करीब 300 आतंकवादी मारे गए हैं और इसमें जैश सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो इस कैंप को चला रहा था. वायुसेना ने हमले में लेज़र गाइडेड बम (Laser-Guided Bomb) का इस्तेमाल किया.
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बता दें कि डेढ़ मिनट में ही आतंकी गढ़ बालाकोट को वायुसेना ने पूरी तरह तबाह कर दिया. बालाकोट पर इंडियन एयर फोर्स मिराज से अटैकिंग समय महज डेढ़ मिनट का था और पूरी करवाई 20 मिनट का. इसमें विमानों का आना जाना शामिल है. बालाकोट वह जगह है जहां जब मुगल और अफगानियों ने भारत पर हमला किया था तो यही बेस बनाया था. बीच में जंगल है और चारों ओर खड़े पत्थरों का पहाड़ है. पक्की खुफिया जानकारी के आधार पर ही कार्रवाई की गई है. बता दें कि बालाकोट खैबर पख्तून का इलाका है. यह जगह एलओसी से हवाई सीमा करीब 60 किलोमीटर दूर है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद लॉन्चिंग पैड से आतंकी पीछे आ गए थे.
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