सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में चार देशों के दौरे पर गया, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत लौट आया है. यह डेलीगेशन साउथ अफ्रीका, इथियोपिया, कतर और इजिप्ट के दौरे पर गया था. सुप्रिया सुले के नेतृत्व में जब डेलीगेशन दक्षिण अफ्रीका पहुंचा उसका स्वागत उस भारत से आई टीम के तौर पर हुआ जो महात्मा गांधी के देश से आया था. NDTV से एक खास बातचीत में उन्होंने बताया कि किस तरह हर देश ने आतंकवाद पर उनकी बात सुनी और कैसे महात्मा गांधी को याद किया.
'सिर्फ प्यार की भावना'
'मैं आपको बताना चाहती हूं कि न सिर्फ साउथ अफ्रीका बल्कि इथियोपिया और इजिप्ट, जब हम इन तीनों देशों में गए तो कहा गया कि हम महात्मा गांधी के देश से आए हैं, उनसे हमें काफी उम्मीदें हैं. इसके अलावा पंडित जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इन सबके बारे में उन्होंने काफी अच्छी बातें हमसे कीं. हमें इतना अच्छा लगा कि 70 सालों में हमारे देश के जितने भी प्रधानमंत्री रहे हैं, उनके बारे में सिर्फ प्यार की भावना है. आतंकवाद के खिलाफ में चारों देशों ने अपना समर्थन भारत को दिया है.'
इस बात को कभी नहीं भूलेंगी
सुप्रिया सुले जब पूछा गया कि इस प्रतिनिधिमंडल के दौरे की वह कौन सी एक बात है जिसे वह हमेशा याद रखना चाहेंगी. इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'जिस प्यार से महात्मा गांधी के बारे में हर देश ने कहा, वह कभी नहीं भुलाया जा सकता है.' सुप्रिया के अनुसार सारे देशों की ऐसी इच्छा है कि भारत को हमेशा शांति रखनी चाहिए. महात्मा गांधी ने जो रास्ता भारत को दिखाया है, उस पर ही चलना चाहिए.
पाकिस्तान पर कैसा था रुख
सुप्रिया सुले ने इस खास बातचीत में कतर और इजिप्ट के रुख बारे में भी बताया. ये दोनों देश पाकिस्तान के साथ ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के भी सदस्य हैं. ऐसे में भारत ने कैसे दोनों देशों को पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद पर आश्वस्त किया? इस पर सुप्रिया सुले ने कहा कि भारत के प्रतिनिधिमंडल से कोई कुछ कहता इससे पहले ही दोनों देशों की तरफ से कहा गया कि वो आतंकवाद के सख्त खिलाफ हैं और दुनिया में कहीं भी आतंकवाद होगा, हम हमेशा भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे.
सुप्रिया सुले ने इस इंटरव्यू में बताया कि इजिप्ट ने इस पूरे मामले पर एक बहुत अच्छा सुझाव भी दिया है. इजिप्ट ने भारतीय दल से कहा कि आतंकवाद पर एक व्याप्क दृष्किोण दुनिया में होना चाहिए. दुनिया को अब इस दिशा की तरफ काम करना चाहिए कि साथ मिलकर आतंकवाद को कैसे जड़ से खत्म किया जाए. वहीं भारत के विदेश मंत्र जयशंकर ने भी एक प्रस्ताव रखा है.
डायलॉग होते रहना चाहिए
कतर और इजिप्ट दोनों ने ही इस बात का समर्थन किया कि आपस में डायलॉग बढ़ना चाहिए और इसके लिए अगर उनमें से किसी की भी मदद की जरूरत हो तो, वो हमेशा साथ हैं. साथ ही दोनों देश मानते हैं कि तनाव कम होना चाहिए. लेकिन दोनों ही देशों ने इस बात पर प्रतिबद्धता जताई है कि आतंकवाद का कोई धर्म या जाति नहीं होती है, एक आतंकवादी हमेशा आतंकवादी ही होता है.
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