आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑनलाइन बहस.
- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR के आवारा कुत्तों को तुरंत हटाकर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है.
- कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन कुत्तों को सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए और उनका संरक्षण जरूरी है.
- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएट्स ने आदेश का स्वागत किया, जबकि पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने जमीन और फंड की कमी बताई है.
दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करने वाले और इसको नापसंद करने वाले लोग आमने-सामने आ गए हैं. सोशल मीडिया पर दोनों गुटों के बीच बड़ी बहस (Debate On Stray Dogs) छिड़ गई है. दरअसल अदालत ने सोमवार को दिल्ली सरकार और गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के नगर निकायों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को तुरंत हटाने और उन्हें शेल्टर होम में रखने का सख्त निर्देश दिया था. साथ ही, कोर्ट ने कहा कि इन कुत्तों को सड़कों पर वापस नहीं भेजा जाना चाहिए.
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अदालत के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर लोग दो गुटों में बंट गए हैं. कुछ लोग इस फैसले के समर्थन में हैं तो कुछ लोग इसके सख्त खिलाफ हैं. दरअसल रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएट्स (RWA) ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया, वहीं पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया कि नगर निकायों के पास इस बड़े काम को करने के लिए जमीन और फंड की कमी है. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे इंसान-डॉग संघर्ष और भी बदतर हो सकता है. कौन क्या कह रहा है, जानिए.
इन लोगों ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन
एक यूज़र ने लिखा, "डियर स्ट्रे डॉग लवर्स, अगर आप सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को सड़क से हटाने के फैसले से इतने नाराज हैं, तो प्लीज कुछ कुत्तों को अपने घर ले आएं और उन्हें एक प्यारा सा घर दें. उनके वैक्सनेश, ट्रेनिंग, और इलाज का ख़र्च उठाएं. अपनी बात पर अड़े रहें. आवारा कुत्तों को अपने घर की बासी रोटियां खिलाने से आप पशु अधिकार कार्यकर्ता नहीं बन जाते!"
Dear stray dog lovers,
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) August 11, 2025
If you are this upset with the SC decision to take the strays off the road, please take a few into your homes and give the dogs a loving home.
Shell out for their vaccinations, training and treatment. Put your money where your mouth is. Feeding stray…
एक और यूज़र ने लिखा, "किसी को भी अपने 3 साल के बच्चे की जान सिर्फ इसलिए जोखिम में नहीं डालनी चाहिए क्योंकि कहीं न कहीं कोई आवारा कुत्तों के प्रति दयालु है. बात इतनी सी है."
No one should have to risk the life of their three year old child because someone somewhere is compassionate about stray dogs. It's that simple.
— Tushar Gupta (@Tushar15_) August 11, 2025
एक एक्स यूज़र ने लिखा, "अगर आपको दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के हालात के बारे में पता नहीं है, तो नाइट शिफ्ट में काम करने वालों से पूछिए. मैं खुद एक डॉग लवर हूं, लेकिन आवारा कुत्तों का यह आतंक रुकना चाहिए. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में हूं."
If you're unaware of the stray dog situation in Delhi NCR, ask those who work night shifts. I'm a dog lover myself, but this stray dog menace needs to stop.
— Mohit Gulati (@desimojito) August 11, 2025
I SUPPORT SC's DECISION
बिहार ऑल इंडिया कांग्रेस की एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, Delhi-NCR में आवारा कुत्तों को शेल्टर में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है. यह फैसला पूरे देश में लागू होना चाहिए. साथ ही उन लोगों के खिलाफ कानून बनना चाहिए जो इन आवारा कुत्तों को सड़क पर बिस्कुट, रोटी खिलाकर समझते हैं कि बहुत पुण्य का काम कर रहे हैं. इन लोगों की वजह से सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है.
Delhi-NCR में आवारा कुत्तों को शेल्टर में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है।
— Preeti Upadhyay Shukla (@preeti_u_shukla) August 12, 2025
यह फैसला पूरे देश में लागू होना चाहिए। साथ ही कानून बनना चाहिए उन लोगों के खिलाफ जो इन आवारा कुत्तों को सड़क पर बिस्कुट, रोटी इत्यादि खिलाकर समझते हैं कि बहुत पुण्य का काम कर रहे हैं। इन… pic.twitter.com/IqOKThOAs7
दिल्ली के करोल बाग इलाके के पूर्व महापौर ने लिखा, समूची दिल्ली को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलवाने वाले आदेश को पारित करने पर सुप्रीम कोर्ट का आभार. 10 साल पहले दिल्ली के महापौर पद पर रहते हुए दिल्ली की गलियों से आवारा कुत्तों को आश्रय घरों में शिफ्ट किया जाए इसको लेकर किए गए परिश्रम का आज फल मिला है.
समूची दिल्ली को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलवाने वाले आदेश को पारित करने पर सुप्रीम कोर्ट का आभार ।।।
— Ravinder Gupta (मोदी का परिवार) (@guptaravinder71) August 11, 2025
दस वर्ष पूर्व दिल्ली के महापौर पद पर रहते हुए दिल्ली की गलियों से आवारा कुत्तों को आश्रय घरों में शिफ्ट किया जाय इसको लेकर किए गए परिश्रम का आज फल मिला है
जय हिंद ।। pic.twitter.com/niJM7hAE8z
ये लोग कर रहे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध
एक ट्विटर यूजर ने कहा, "आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिक्कत यह है कि किस्मत की ही बात है कि इंसान कुत्तों को खाना खिलाते हैं. इस मामले में श्रेष्ठता का दावा नहीं किया जा सकता. इसकी कोई गारंटी भी नहीं है कि यह हमेशा होता रहेगा. फिर भी हम अपने विशेषाधिकार का उपयोग अन्य प्रजातियों के विनाश को उचित ठहराने के लिए करते हैं.आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में न सिर्फ सहानुभूति की कमी है बल्कि बल्कि बुनियादी विकासवादी जीव विज्ञान की अज्ञानता भी दिखाई देती है."
Here's the fundamental problem with Supreme Court's verdict on stray dogs:
— Parminder Singh (@parrysingh) August 11, 2025
Humanity's place at the top of the food chain is by sheer luck. We can't claim superiority, and no guarantee we'll hold it forever.
Yet we use our privilege to justify exterminating other species.…
एक एक्स यूजर ने लिखा, "अगर आपने कभी किसी आवारा कुत्ते से प्यार नहीं किया, तो आप उसके सबसे शुद्ध प्रेम से वंचित रह गए हैं. यह सिर्फ आपका नकसान है. कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ कानूनों को तोड़ता है, बल्कि करुणा को भी तोड़ता है. यह पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 का उल्लंघन और पशु कल्याण कानूनों को दरकिनार करता है. यह हमारे संविधान द्वारा हमसे निर्धारित कर्तव्यों का उल्लंघन करता है.
If you've never loved a stray dog, you've missed the purest love there is and that loss is yours alone.
— Samyukta Hornad (@samyuktahornad) August 11, 2025
This judgment doesn't just break laws, it breaks compassion. It violates the Animal Birth Control Rules, 2023, overrides animal welfare laws, and tramples the duties our… pic.twitter.com/x2X6xiD8ws
एक यूज़र ने लिखा, "दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश राजधानी की हर गली में रहने वाले हर आवारा कुत्ते के लिए मौत की सज़ा के अलावा और कुछ नहीं है. हममें से हर एक को इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी."
The Supreme Court order on stray dogs in Delhi is nothing but a death sentence for every single stray on every single street in the national capital - and each one of us needs to raise our voice against it to #SaveDelhiDogs.
— Anish Gawande (@anishgawande) August 11, 2025
Listen, I'm not some animal rights activist. I think… pic.twitter.com/YYOfGCHJOa
एक यूज़र ने लिखा, "उम्मीद है कि यह करुणा, उचित सुविधाओं और उनकी भलाई को ध्यान में रखकर किया जाएगा, ताकि हर हिलती हुई पूंछ को डर की बजाय सुकून मिले."
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