
- सुप्रीम कोर्ट सोमवार को जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगा.
- जस्टिस वर्मा ने आंतरिक जांच पैनल की रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने और हटाने की सिफारिश रद्द करने की मांग की है.
- मार्च में दिल्ली में जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगी थी, जिसमें जले बोरों से नकदी बरामद हुई थी
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. जस्टिस दत्ता वरिष्ठता में दसवें स्थान पर हैं। CJI बी.आर. गवई ने रजिस्ट्री को निर्देश दिए हैं, क्योंकि कॉलेजियम के जज जस्टिस वर्मा के मामले की चर्चा/प्रक्रिया में शामिल थे.
जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आंतरिक जांच पैनल की रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने की मांग की है. साथ ही, तत्कालीन CJI संजीव खन्ना द्वारा जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को दी गई सिफारिश को रद्द करने की भी मांग की है.
न्यायमूर्ति वर्मा का मामला
मार्च में राष्ट्रीय राजधानी में न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना हुई थी और जले हुए बोरों में नोट पाए गए थे. न्यायमूर्ति वर्मा उस समय दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे. न्यायाधीश ने हालांकि नकदी के बारे में अनभिज्ञता का दावा किया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने कई गवाहों से बात करने और उनके बयान दर्ज करने के बाद उन्हें दोषी ठहराया.
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन न्यायमूर्ति वर्मा ने इंकार कर दिया. उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया था, जहां उन्हें कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा गया है. न्यायमूर्ति खन्ना ने तब न्यायमूर्ति वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था.
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