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This Article is From Dec 04, 2015

प्रदूषण से सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित, परिसर में लगाई गई जांचने वाली मशीनें

प्रदूषण से सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित, परिसर में लगाई गई जांचने वाली मशीनें
नई दिल्ली: दिल्ली के प्रदूषण ने देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट को भी परेशानी में डाल दिया है। हालात ये हो गए हैं कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भी प्रदूषण की जांच करने के लिए चीफ जस्टिस की कोर्ट समेत कई जगह मशीनें लगाई गईं।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी की देखरेख में चीफ जस्टिस ती कोर्ट के अलावा कॉरीडोर और लॉन में ये मशीनें लगाई गईं। ताकि ये पता चल सके कि कोर्ट में प्रदूषण का लेवल क्या है।

कोर्ट के अफसरों के मुताबिक सोमवार और शुक्रवार को जनहित याचिकाओं की सुनवाई होती है और ऐसे में कोर्ट आने वाले वाहनों की संख्या 5000 तक पहुंच जाती है जबकि बाकि दिन ये संख्या 300 तक रह जाती है।

ऐसे में ये स्टडी काफी अहम साबित होगी। इससे पहले रिटायर हुए चीफ जस्टिस एचएल दत्तू और वर्तमान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने प्रदूषण पर चिंता जताई है। जस्टिस दत्तू ने तो 1 नवंबर से दिल्ली में आने वाले कामर्शियल वाहनों पर ग्रीन टैक्स भी लगाया था। जबकि जस्टिस ठाकुर भी प्रदूषण को लेकर निगरानी कर रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि दिल्ली गैस चेंबर की तरह हो गई है लेकिन सरकार के पास एक्शन प्लान तक नहीं है। हाईकोर्ट ने परिसर में एयर प्यूरीफायर लगाने के आदेश जारी किए वहीं इसी हालात से परेशान NGT भी सरकार को आड़े हाथ ले चुका है।

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