तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक समेत कई राज्यों के होटलों और प्राइवेट क्लबों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानों पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हाईवे पर होटलों और प्राइवेट क्लब में शराब परोसी जा सकेगी या नहीं इसकी सुनवाई जुलाई में करेंगे.
तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक समेत कई राज्यों के होटलों और प्राइवेट क्लबों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. प्राइवेट क्लबों की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि वो सिर्फ अपने सदस्यों को ही शराब परोसते हैं और वो शराब लेकर बाहर नहीं जा सकते.. इसलिए प्राइवेट क्लबों को इस आदेश से छूट मिलनी चाहिए.
वहीं, होटल वालों की तरफ से भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेशों में संशोधन करे, क्योंकि इन आदेशों से उनका करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है और हजारों लोगों का रोजगार भी छिन गया है. तमिलनाडु और पुदुच्चेरी समेत कई राज्यों के होटलों और क्लबों ने भी इस आदेश में संशोधन की मांग की है.
राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानों पर रोक के मामले में बीते 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि हाईवे पर शराब की दुकानों पर रोक जारी रहेगी. हालांकि हाइवे के किनारे किसी कस्बे में 20 हजार से कम जनसंख्या वाले इलाकों में 220 मीटर तक दुकानें नहीं होंगी. हाइवे किनारे बार और रेस्तरां में भी शराब नहीं बिकेगी. जिन राज्यों में शराब के लाइसेंस 15 दिसंबर से पहले दिए गए.. वहां लाइसेंस 30 सितंबर तक चल जाएंगे.
दरअसल, पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. हालांकि उसमें यह भी साफ किया गया कि जिनके पास लाइसेंस हैं उनकी अवधि खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हो, तक इस तरह की दुकानें चल सकती हैं.
तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक समेत कई राज्यों के होटलों और प्राइवेट क्लबों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. प्राइवेट क्लबों की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि वो सिर्फ अपने सदस्यों को ही शराब परोसते हैं और वो शराब लेकर बाहर नहीं जा सकते.. इसलिए प्राइवेट क्लबों को इस आदेश से छूट मिलनी चाहिए.
वहीं, होटल वालों की तरफ से भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेशों में संशोधन करे, क्योंकि इन आदेशों से उनका करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है और हजारों लोगों का रोजगार भी छिन गया है. तमिलनाडु और पुदुच्चेरी समेत कई राज्यों के होटलों और क्लबों ने भी इस आदेश में संशोधन की मांग की है.
राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानों पर रोक के मामले में बीते 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि हाईवे पर शराब की दुकानों पर रोक जारी रहेगी. हालांकि हाइवे के किनारे किसी कस्बे में 20 हजार से कम जनसंख्या वाले इलाकों में 220 मीटर तक दुकानें नहीं होंगी. हाइवे किनारे बार और रेस्तरां में भी शराब नहीं बिकेगी. जिन राज्यों में शराब के लाइसेंस 15 दिसंबर से पहले दिए गए.. वहां लाइसेंस 30 सितंबर तक चल जाएंगे.
दरअसल, पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. हालांकि उसमें यह भी साफ किया गया कि जिनके पास लाइसेंस हैं उनकी अवधि खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हो, तक इस तरह की दुकानें चल सकती हैं.
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