नीरा राडिया से जुड़े 2010 में ऑडियो टेप के लीक होने की जांच की मांग करने वाली उद्योगपति रतन टाटा की याचिका पर आठ साल के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. रतन टाटा ने कहा है कि टेप लीक उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन है.
नीरा राडिया की उद्योगपतियों, पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और प्रमुख पदों पर बैठे अन्य लोगों के साथ फोन पर हुई बातचीत को एक दशक पहले की जांच के हिस्से के रूप में टैप किया गया था.
अगस्त 2012 में रतन टाटा ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट की एक प्रति मांगी थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे टेप लीक हुई है. इस विवाद को बाद में "राडिया टेप" विवाद के रूप में जाना गया.
नीरा राडिया के साथ रतन टाटा की बातचीत साल 2010 में मीडिया में सामने आई थी. इसके बाद वे सरकार के खिलाफ कोर्ट में पहुंचे और कहा कि टेपों को जारी करना उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन है.
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