CAA के मुद्दे पर 232 याचिकाओं की कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ के समक्ष केवल सीएए के मुद्दे पर 31 अक्टूबर को 232 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिनमें ज्यादातर जनहित याचिकाएं हैं.

CAA के मुद्दे पर 232 याचिकाओं की कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में कल 232 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं. (फाइल)

नई दिल्‍ली :

दीपावली एवं अन्य त्योहारों के अवसर पर नौ दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को खुल रहा उच्चतम न्यायालय पहले ही दिन विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं सहित करीब 240 जनहित याचिकाओं की सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ के समक्ष केवल सीएए के मुद्दे पर 31 अक्टूबर को 232 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिनमें ज्यादातर जनहित याचिकाएं हैं. इससे पहले, न्यायमूर्ति ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं को तीन-न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाएगा. इस मुद्दे पर मुख्य याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने दायर की थी. 

शीर्ष अदालत ने जनवरी 2020 में स्पष्ट किया था कि वह केंद्र की बात सुने बिना सीएए के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाएगी. सीएए को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत ने देश के उच्च न्यायालयों को इस मुद्दे पर लंबित याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगा दी थी. याचिका दायर करने वाले अन्य महत्वपूर्ण लोगों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, राजद नेता मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं. 

मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, पीस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, गैर-सरकारी संगठन 'रिहाई मंच', अधिवक्ता एमएल शर्मा और कानून के छात्रों ने भी इस अधिनियम को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. 

सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ एक अन्य जनहित याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें एक साल के भीतर धनशोधन और कर चोरी जैसे विभिन्न आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों का फैसला करने के लिए हर जिले में विशेष भ्रष्टाचार विरोधी अदालतें स्थापित करने की मांग की गई है. 

शीर्ष अदालत विधि आयोग को ‘वैधानिक निकाय' घोषित करने और पैनल के अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त करने का केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक जनहित याचिका पर भी विचार करेगी. 

ये भी पढ़ें :

* विधि आयोग के अध्यक्ष, अन्य सदस्यों की नियुक्ति संबंधी याचिका पर SC करेगा 31 अक्टूबर को सुनवाई
* अंकिता भंडारी केस से चर्चा में आए पुलिस पटवारी सिस्टम को खत्म करेगी उत्तराखंड सरकार, SC में सुनवाई बंद
* एएआईबी, डीजीसीए के दल उत्तराखंड हेलीकॉप्टर हादसे की जांच करेंगे

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

हेट स्पीच केस में सपा के दिग्गज नेता आजम खान दोषी करार



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)