पुणे लोकसभा सीट (Loksabha Seat) के लिए तत्काल उपचुनाव कराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. चुनाव आयोग की याचिका पर ये रोक लगाई गई है. चुनाव आयोग ने कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है इसलिए अब उपचुनाव कराने का कोई फायदा नहीं है. 14 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) को पुणे लोकसभा सीट पर तुंरत उप चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
बीजेपी नेता गिरीश बापट के निधन के बाद से यह सीट खाली
2019 में यहां से जीते बीजेपी नेता गिरीश बापट के निधन के बाद यह सीट मार्च, 2023 से खाली है. आयोग की तरफ से चुनाव नहीं कराने की दलीलें देने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की थी. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि किसी भी क्षेत्र के लोगों को लंबे समय तक बिना प्रतिनिधितत्व के नहीं रखा जा सकता, ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग जल्द से जल्द से चुनाव कराने की दिशा में कदम उठाए. सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस कमल खाता और जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि आयोग की तरफ से दी गई दलीलें अनुचित और अजीब हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को कही थी ये बात
पुणे लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं करवाना संवैधानिक दायित्वों से मुंह मोड़ने जैसा है. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अब चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. इस मामले में जनवरी 2024 में सुनवाई की उम्मीद है.
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