आरजेडी से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आरजेडी के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव की जमानत रद्द होगी या नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आदेश सुरक्षित रख लिया है. बुधवार को सुनवाई पर कोर्ट ने कहा कि वो एक या दो दिन में फैसला सुनाएगी.
कोर्ट के आदेश से यह साफ है कि राजबल्लभ यादव फिलहाल जेल में ही रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये मामला नाबालिग के साथ रेप और पोक्सो एक्ट से जुड़ा है. हमें ये भी देखना है कि इस मामले में फेयर ट्रायल हो.
यादव की ओर से कहा गया कि जब तक ट्रायल पूरा नहीं होता वो बिहार से बाहर रहने को तैयार हैं, जमानत रद्द न की जाए. बिहार सरकार को इस तरह हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पर आरोप नहीं लगाना चाहिए था. ऐसे तो सब लोग जजों पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट आ जाएंगे.
यादव के वकील ने कहा कि राज्य सरकार की तमाम दलीलें बेबुनियाद हैं. आरोपी MLA है तो इसलिए राज्य सरकार इस तरह के आरोप नहीं लगा सकती. रेप के सारे आरोप झूठे हैं और इस आरोप में कई झोल हैं. वहीं, बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि यादव की जमानत रद्द की जानी चाहिए. तीन हफ्ते पहले हाईकोर्ट के जज ने जमानत देने से इनकार किया था, लेकिन इसके बाद चीफ जस्टिस ने जमानत दे दी.
सुप्रीम कोर्ट के यादव को जेल भेजने के बाद भले ही पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज हो गए, लेकिन अब भी कई अहम गवाहों के बयान दर्ज होने हैं. यादव इस केस के ट्रायल और गवाहों को प्रभावित कर सकता है. यहां तक कि उसने जेल में भी सारे नियमों को ताक पर रख दिया था.
बता दें कि RJD के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव को पटना हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करने की बिहार सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजबल्लभ यादव को सरेंडर कर जेल जाने के आदेश जारी किए थे. कोर्ट ने कहा था जब तक पीड़िता की गवाही न हो जाये तब तक यादव जेल में रहेंगे. कोर्ट ने सरकार को कहा था कि 2 हफ्ते में पीड़िता का ट्रायल कोर्ट में बयान दर्ज कराएं. दरअसल 16 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नवादा से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
कोर्ट के आदेश से यह साफ है कि राजबल्लभ यादव फिलहाल जेल में ही रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये मामला नाबालिग के साथ रेप और पोक्सो एक्ट से जुड़ा है. हमें ये भी देखना है कि इस मामले में फेयर ट्रायल हो.
यादव की ओर से कहा गया कि जब तक ट्रायल पूरा नहीं होता वो बिहार से बाहर रहने को तैयार हैं, जमानत रद्द न की जाए. बिहार सरकार को इस तरह हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पर आरोप नहीं लगाना चाहिए था. ऐसे तो सब लोग जजों पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट आ जाएंगे.
यादव के वकील ने कहा कि राज्य सरकार की तमाम दलीलें बेबुनियाद हैं. आरोपी MLA है तो इसलिए राज्य सरकार इस तरह के आरोप नहीं लगा सकती. रेप के सारे आरोप झूठे हैं और इस आरोप में कई झोल हैं. वहीं, बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि यादव की जमानत रद्द की जानी चाहिए. तीन हफ्ते पहले हाईकोर्ट के जज ने जमानत देने से इनकार किया था, लेकिन इसके बाद चीफ जस्टिस ने जमानत दे दी.
सुप्रीम कोर्ट के यादव को जेल भेजने के बाद भले ही पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज हो गए, लेकिन अब भी कई अहम गवाहों के बयान दर्ज होने हैं. यादव इस केस के ट्रायल और गवाहों को प्रभावित कर सकता है. यहां तक कि उसने जेल में भी सारे नियमों को ताक पर रख दिया था.
बता दें कि RJD के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव को पटना हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करने की बिहार सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजबल्लभ यादव को सरेंडर कर जेल जाने के आदेश जारी किए थे. कोर्ट ने कहा था जब तक पीड़िता की गवाही न हो जाये तब तक यादव जेल में रहेंगे. कोर्ट ने सरकार को कहा था कि 2 हफ्ते में पीड़िता का ट्रायल कोर्ट में बयान दर्ज कराएं. दरअसल 16 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नवादा से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
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