विज्ञापन
This Article is From Jan 28, 2016

समलैंगिकता पर क्‍यूरेटिव पेटिशन की सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिकता पर क्‍यूरेटिव पेटिशन की सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: आखिरकार समलैंगिगता पर IPC की धारा 377 का अपराध होने के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ अब सुनवाई को तैयार है। क्यूरेटिव बेंच 2 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगी। ये सुनवाई खुली अदालत में होगी।

हालांकि दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। इस मामले में ये आखिरी कानूनी उपचार है। हालांकि क्यूरेटिव पेटिशन की सुनवाई चेंबर में होती थी लेकिन इसकी सुनवाई खुली अदालत में होगी।

वैसे सुप्रीम कोर्ट नियमों के मुताबिक क्यूरेटिव की सुनवाई के लिए तीन वरिष्ठ जजों के अलावा फैसला देने वाले जज होने चाहिए लेकिन इस मामले में 2009 के दिल्ली हाईकोर्ट के समलैंगिगता को अपराध की श्रेणी से हटाने वाले फैसले को दिसंबर 2013 में रद्द करने वाले दोनो जज जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय रिटायर हो चुके हैं। दोनों ने इस फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी।

लेकिन 23 अप्रैल 2014 को चार जजों की बेंच जिनमें तत्कालीन चीफ जस्टिस पी सथाशिवम, जस्टिस आरएम लोढा, जस्टिस एचएल दत्तू और जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की बेंच ने नाज फाउंडेशन, श्याम बेनेगल और अन्य संगठनों की याचिका पर कहा था कि वो क्यूरेटिव पेटिशन पर खुली अदालत में सुनवाई को तैयार हैं। लेकिन ये चारों जज भी रिटायर हो चुके हैं। वैसे 2013 में ही सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए ट्रांसजेंडर को तीसरी कैटेगरी में शामिल कर उन्हें ओबीसी कैटेगरी में आरक्षण और दूसरी सुविधाएं देने के आदेश दिए थे।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
समलैंगिगता, IPC की धारा 377, क्यूरेटिव पेटिशन, सुप्रीम कोर्ट, Homosexuality, Supreme Court, Curative Petition, Section 377 Of IPC
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com