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अधिकारी-कर्मचारी को भी पर्याप्त समय चाहिए... केरल में SIR पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दी सलाह

CJI ने ECI के वकील वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी से कहा- आप इसे और बढ़ा दीजिए, ताकि कोई भी छूट न जाए और सबको मौका मिले. CJI ने कहा कि सरकारी मशीनरी को दिक्कत नहीं है, कुछ राजनीतिक दलों को है. 

अधिकारी-कर्मचारी को भी पर्याप्त समय चाहिए... केरल में SIR पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दी सलाह
  • सुप्रीम कोर्ट ने केरल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की अंतिम तारीख बढ़ाने की सलाह दी है
  • EC को स्थानीय निकाय चुनावों में ड्यूटी पर लगे अधिकारियों को फॉर्म अपलोड करने का पर्याप्त समय देना चाहिए
  • कोर्ट ने केरल सरकार को निर्देश दिया है कि वह विस्तृत आधारों के साथ चुनाव आयोग को प्रतिनिधित्व सौंपे
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नई दिल्ली:

केरल में SIR कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इसकी अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने की सलाह दी है. सुप्रीम कोर्ट ने चुना आयोग से कहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों में ड्यूटी पर लगे अधिकारी-कर्मचारियों को भी फॉर्म अपलोड करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. कोर्ट का कहना है कि समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध “उचित और न्यायसंगत” है. साथ ही कोर्ट ने केरल सरकार को निर्देश दिया कि वह विस्तृत आधारों के साथ चुनाव आयोग को प्रतिनिधित्व दे.आयोग इसे “निष्पक्ष और संवेदनशील” तरीके से दो दिन के भीतर तय करे. 

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सलाह दी है कि केरल में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख को और बढ़ाया जाए.अदालत ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में ड्यूटी पर लगे अधिकारी-कर्मचारियों को भी फॉर्म अपलोड करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच को चुनाव आयोग ने बताया कि 4 दिसंबर की मूल समयसीमा बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी गई है.राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को व मतगणना 13 दिसंबर को होनी है. CJI ने ECI के वकील वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी से कहा- आप इसे और बढ़ा दीजिए, ताकि कोई भी छूट न जाए और सबको मौका मिले. CJI ने कहा कि सरकारी मशीनरी को दिक्कत नहीं है, कुछ राजनीतिक दलों को है. 

अदालत ने आदेश में कहा कि समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध “उचित और न्यायसंगत” है और चुनाव आयोग द्वारा विचार योग्य है.कोर्ट ने केरल सरकार को निर्देश दिया कि वह विस्तृत आधारों के साथ चुनाव आयोग को प्रतिनिधित्व दे, और आयोग इसे “निष्पक्ष और संवेदनशील” तरीके से दो दिन के भीतर तय करें.राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने अदालत को बताया कि SIR प्रक्रिया से स्थानीय चुनाव प्रभावित नहीं हो रहे हैं,क्योंकि चुनाव में लगे कर्मचारियों को SIR ड्यूटी से छूट दी गई है. ECI ने जानकारी दी कि राज्य ने SEC के लिए 1.76 लाख समर्पित कर्मचारी तैनात किए हैं, जबकि SIR प्रक्रिया के लिए 25,468 कर्मचारी लगाए गए हैं.SIR फॉर्म का 98.8% वितरण पूरा हो चुका है और 80% फॉर्म प्राप्ति के बाद डिजिटाइज हो चुके हैं.

वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह भी ECI की ओर से उपस्थित थे.IUML की ओर से वकील हारिस बीरन ने कहा कि केरल में बड़ी NRI आबादी के कारण “विशेष समस्या” है.लगभग 35 लाख केरलवासी विदेश में हैं.वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, लेकिन बूथ लेवल अधिकारी (BLO) आवेदक की घर पर  मौजूदगी की मांग करते हैं जो विदेश में रहने वालों के लिए संभव नहीं है.अदालत ने कहा कि इस मुद्दे को भी प्रतिनिधित्व में शामिल किया जा सकता है. केरल सरकार, IUML, KPCC अध्यक्ष सनी जोसेफ, CPI(M) और CPI समेत कई याचिकाकर्ताओं ने स्थानीय निकाय चुनावों के चलते SIR स्थगित करने की मांग की थी.हाईकोर्ट ने दखल देने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने को कहा था.

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