कांग्रेस नेता रणदीप सुरेजवाला (Randeep Surjewala) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से फिलहाल राहत मिली है. कोर्ट ने गिरफ्तारी पर पांच हफ्ते के लिए रोक लगाई है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि गिरफ्तारी के वारंट पर अमल नहीं होगा. कोर्ट ने सुरेजवाला को चार हफ्ते के भीतर ट्रायल कोर्ट जाकर गैर-जमानती वारंट रद्द करने की अर्जी दाखिल करने की इजाजत दी है. बता दें कि सुरजेवाला के खिलाफ वाराणसी में 22 साल पुराने एक केस में MP/MLA कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट जारी करने का मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राहत के लिए हाईकोर्ट क्यों नहीं गए. सुरजेवाला के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने हाईकोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने कोई आदेश ही पारित नहीं किया. सिंघवी ने कहा कि ये घटना साल 2000 की है, जब वो यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे. तीन बार पेश भी हो चुके हैं.
गौरतलब है कि वाराणसी की विशेष न्यायाधीश MP /MLA अवनीश गौतम की अदालत ने सात नवंबर को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ आरोप तय करने के मुद्दे पर मंगलवार को सुनवाई की थी. अदालत ने कांग्रेस प्रवक्ता राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया. साथ ही दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को 21 नवंबर को उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि साल 2000 के इस पुराने मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर त्वरित निस्तारित करना है. आरोपी के खिलाफ कई तारीखों से गैर जमानती वारंट जारी है, फिर भी वह हाजिर नहीं हो रहा है. बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का तत्कालीन कांग्रेस युवा अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर आरोप लगा था. मामले में सुरजेवाला के खिलाफ आरोप तय होने हैं.
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