यूपी के मुजफ्फरनगर ( Muzaffarnagar Case) में स्कूल में छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब ना दाखिल होने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि इस मामले में वो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 भी जोड़ने के लिए तेजी से काम करे. सुनवाई के दौरान कोर्ट की नाराजगी पर यूपी सरकार ने कहा कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है.
बच्चा डरा हुआ है, सदमे में है, बच्चे की काउसलिंग उसके पास जाकर करें
यूपी सरकार ने कहा कि मामले में हलफनामा दाखिल किया गया है. एफआईआर में IPC की धारा 295 भी जोड़ी गई है. तीन डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई है. कमेटी पीड़ित छात्र के घर गई थी. बच्चे को काउंसलिंग सेंटर आने के लिए कहा गया था, लेकिन डरा हुआ बच्चा काउंसलिंग सेंटर नहीं आ रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके साथ यही दिक्कत है, बच्चा डरा हुआ है. वह सदमे में है. आप उससे मिलने की उम्मीद करते हैं? बच्चे की कांउसलिंग उसके पास जाकर ही की जानी चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बच्चे से हमने मुलाकात की थी. वो काफी डरा हुआ है. बच्चा स्कूल जाने से डर रहा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बच्चा घटना से इतना डरा हुआ है कि वह किसी से मिलना नहीं चाहता था.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को दिए ये दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि शिक्षा विभाग चिल्ड्रन साइकोलोजिस्ट से बात कर इस दिशा में आगे बढ़ें. बच्चे की बेहतर कॉउंसलिंग के लिए NNMHANS या TISS से संबंधित लोगों के पास भेज जा सकता है. हम इस मामले पर विचार कर रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम बच्चे के भविष्य के लिए भी चिंतित है. सरकार ने जवाब दिया कि पीड़ित छात्र सहित अन्य छात्रों की काउंसिलिंग के लिए पेशेवर एजेंसी नियुक्त करने पर विचार चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब अगले हफ्ते सोमवार को होगी.
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