मामला टाले जाने पर जजों को निशाना बनाने पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने नाराजगी जताई है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मामले को सुनवाई से टाले जाने पर जजों को निशाना बनाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि हमें निशाना बनाने की भी एक सीमा होती है. हम जजों को ब्रेक दीजिए, मैं कोविड की चपेट में था और इसलिए मामले को टाल दिया गया. मैंने खबरों में पढ़ा कि जज इसकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं. हमें निशाना बनाने की एक सीमा होती है. दरअसल एक वकील ने आज ईसाइयों पर हमले से संबंधित एक मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों द्वारा मामले को नहीं सुने जाने की मीडिया में आलोचना की गई. दरअसल, नेशनल सॉलिडेरिटी फोरम, द इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया के साथ बंगलौर डायोसीज के आर्कबिशप डॉ पीटर मचाडो ने ये याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उनकी याचिका विजिलेंट ग्रुप और दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों द्वारा देश के ईसाई समुदाय के खिलाफ "हिंसा की भयावह घटना" और "लक्षित हेट स्पीच" के खिलाफ है.
इस तरह की हिंसा अपने ही नागरिकों की रक्षा करने में राज्य तंत्र की विफलता के कारण बढ़ रही है. केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य राज्य मशीनरी द्वारा उन समूहों के खिलाफ तत्काल और आवश्यक कार्रवाई करने में विफलता है, जो ईसाई समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा और हेट का कारण बने हैं, जिसमें उनके पूजा स्थलों और उनके द्वारा संचालित अन्य संस्थानों पर हमले शामिल हैं.
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