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EC ने की 11 मार्च वाले चुनावी बॉन्ड आदेश में संशोधन की मांग, आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

चुनावी बॉन्ड मामले में, शीर्ष अदालत (SC On Electoral Bond) ने 11 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को निर्देश दिया था कि वह 12 मार्च को कामकाजी घंटों के अंत तक निवार्चन आयोग को बॉन्ड के विवरण का खुलासा करे.

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चुनावी बान्ड मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को निर्वाचन आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई करेगा, जिसमें चुनावी बान्ड (Electoral Bond) मामले में उसके 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है. निर्वाचन आयोग ने कहा कि, आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा शीर्ष अदालत को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां निर्वाचन आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी. निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है.

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एडीआर की याचिका पर भी हो सकती है सुनवाई

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए एक समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने को चुनौती देने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) की तरफ से दायर एक अलग याचिका पर भी आज सुनवाई होनी है, हालांकि, यह मामला सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शुक्रवार की कार्य सूची में नहीं दिखाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 मार्च को एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण से कहा था कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी. चुनावी बॉन्ड मामले में, शीर्ष अदालत ने 11 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को निर्देश दिया था कि वह 12 मार्च को कामकाजी घंटों के अंत तक निवार्चन आयोग को बॉन्ड के विवरण का खुलासा करे.

SC ने 11 मार्च के आदेश में क्या कहा?

निर्वाचन आयोग ने नई अर्जी में कहा है कि शीर्ष अदालत ने 11 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि "इस अदालत के समक्ष निर्वाचन आयोग द्वारा दाखिल विवरण की प्रतियां निर्वाचन आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी." अर्जी में कहा गया, "न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में और उपरोक्त विवरण/डेटा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए, निर्वाचन आयोग ने उसकी कोई भी प्रति अपने पास रखे बिना प्राप्त दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे/पेटियों में न्यायालय को भेज दिया." अर्जी में ये भी कहा गया, "मामले में इस अदालत के समक्ष निर्वाचन आयोग द्वारा दाखिल किए गए दस्तावेजों की कोई भी प्रति उसके पास कभी नहीं रखी गई थी."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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