BJP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने रेप की शिकायत पर आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे सुनवाई करने तक कार्यवाही पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को नोटिस कर जवाब मांगा है. अब मामले की सुनवाई सिंतंबर महीने के तीसरे हफ्ते में होगी. आज बीजेपी नेता और केंद्र व बिहार सरकार में मंत्री रह चुके सैयद शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप के आरोप वाली FIR दर्ज करने के आदेश के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
पीड़ित महिला के वकील ने जब तेज आवाज में बोलना शुरू किया तो मुकुल रोहतगी ने याचिकर्ता शाहनवाज का पक्ष रखना शुरू किया. कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता को भी सुनेंगे लेकिन पहले याचिकाकर्ता की दलील सुन ली जाए. सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मामला जस्टिस ललित और जस्टिस भट्ट की पीठ के सामने मुकुल रोहतगी ने शाहनवाज हुसैन का पक्ष रखा.
मुकुल रोहतगी ने कहा 31 जनवरी 2018 को पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी. महिला तो तलाक लेकर मेरे पास अपना दुखड़ा सुनाने आई. वो रोई भी थी. इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ. रोहतगी ने कहा कि 482 के तहत हम राहत चाहते हैं.
बता दें कि बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय की रेप की FIR दर्ज करने के आदेश को शाहनवाज हुसैन ने चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जल्द सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई सितंबर के तीसरे हफ्ते में होगी.
शाहनवाज की ओर से वकील मनीष पॉल ने CJI एन वी रमना से आग्रह किया था कि मामले की तुंरत सुनवाई हो. अगर FIR दर्ज हो गई तो ये याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी और उनके 30 साल की पब्लिक लाइफ प्रभावित होगी.
लेकिन CJI ने कहा कि अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन पर रेप का केस दर्ज होना चाहिए. दिल्ली HC ने पुलिस को शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. दिल्ली HC ने पुलिस से तीन माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने से स्पष्ट है कि इस मामले में FIR दर्ज करने तक पुलिस की ओर से पूरी तरह से अनिच्छा नजर आ रही है. दिल्ली HC ने कहा पुलिस की ओर से निचली अदालत में पेश रिपोर्ट अंतिम रिपोर्ट नहीं थी. अदालत ने पुलिस के तर्क को खारिज कर दिया था कि महिला की शिकायत में संज्ञेय अपराध का मामला है.
पुलिस ने रिपोर्ट में पेश कर कहा था कि हुसैन के खिलाफ मामला नहीं बनता लेकिन दिल्ली की रहने वाली महिला ने जनवरी 2018 में निचली अदालत में याचिका दायर कर हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने का गुजारिश की थी
महिला ने आरोप लगाया था कि हुसैन ने छतरपुर फार्म हाउस में उसके साथ दुष्कर्म किया व जान से मारने की धमकी दी
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