माफिया नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाज़त मिल गई है. जानकारी के अनुसार आज शाम 5 बजे से पहले अब्बास को कासगंज से गाजीपुर ले जाया जाएगा. अब्बास बुधवार 10 अप्रैल को कब्र पर फातिहा पढ़ेगा. फैसला सुनाते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के वी विश्वानाथन ने कहा हमने नोट में दिए गए कथनों पर ध्यान दिया है. तथ्य कि याचिकाकर्ता ने 28 मार्च को अपने पिता को खो दिया है, विवाद में नहीं है. न्यायिक हिरासत में होने के कारण वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका. अब्बास को पुलिस हिरासत में और पर्याप्त सुरक्षा के साथ कासगंज जेल से उसके गृहनगर गाजीपुर ले जाया जाएगा.
अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि वो आज शाम 5 बजे से पहले अपनी यात्रा शुरू करे. भले ही 10वीं के बाद कोई अनुष्ठान न हो, अब्बास को 11वीं और 12वीं तारीख को अपने परिवार व रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति दी जाए. पुलिस अधिकारी मिलने वालों की तलाशी लें और सुनिश्चित करें कि कोई हथियार न ले जाए. अदालत ने कहा अब्बास इस दौरान मीडिया में कोई भी बयान नहीं देगा.
बता दें कि कोर्ट के सामने यूपी सरकार ने विरोध करते हुए कहा, अब्बास अंसारी के खिलाफ कई केस हैं, यह गैंगेस्टर है, जेल के अंदर से धमकी देते हैं. यूपी सरकार ने कहा हमारी जानकारी के मुताबिक ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है. यह जेल से गवाहों को धमकी दे रहे है. कानून व्यवस्था के बिगड़ने की संभावना है.
बांदा जेल में बंद अंसारी की गत 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी. अंसारी के परिवार के सदस्यों ने उसकी मौत के कारणों पर संदेह जताते हुए दावा किया था कि उसे जेल के अंदर 'धीमा जहर' दिया गया था. हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है.
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