विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 13, 2022

उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे केस में सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ की सुनवाई शुरू

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच जजों की संविधान बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. दोनों गुटों ने दूसरे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया हुआ है.

Read Time: 4 mins
उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे केस में सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ की सुनवाई शुरू
कोर्ट ने असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था.
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना मामले में एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे विवाद मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच जजों की संविधान बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. दोनों गुटों ने दूसरे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया हुआ है.

पिछले दिनों सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था, लेकिन अयोग्यता के मुद्दे को संविधान पीठ में सुनवाई के लिए भेजा था. मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ हटाने का नोटिस लंबित होने के दौरान क्या वो विधायकों की अयोग्यता का नोटिस जारी कर सकते हैं. इस पर भी सुनवाई की जरूरत है.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से शिवसेना के सदस्यों के खिलाफ जारी किए गए नए अयोग्यता नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए भी कहा था. उद्धव ठाकरे गुट ने मामले को सात जजों को भेजे जाने की मांग की. स्पीकर के अधिकार और विधायकों की अयोग्यता पर सात जजों का पीठ विचार करने की मांग की गई.  हालांकि राज्यपाल की ओर से इसका विरोध किया गया.

सुप्रीम कोर्ट पांच जजों का पीठ दस जनवरी को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट तभी तय करेगा कि मामले को सात जजों के पास भेजा जाए या नहीं. सुनवाई के दौरान शिंदे ग्रुप की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा अरूणाचल प्रदेश मामले में नेबाम रेबिया फैसले को सात जजों की बेंच के पास भेजने की जरूरत है. संविधान पीठ द्वारा लिए गए दृष्टिकोण की सत्यता की फिर से जांच करने की आवश्यकता है.

नेबाम रेबिया के फैसले में, SC ने कहा था कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए एक स्पीकर  के लिए संवैधानिक रूप से यह अस्वीकार्य है, जब स्पीकर के कार्यालय से खुद को हटाने के लिए प्रस्ताव का नोटिस लंबित हो. हालांकि राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि पांच जजों को ही सुनवाई करनी चाहिए.  दरअसल दोनों गुटों ने दूसरे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया हुआ है.

पिछले दिनों सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था, लेकिन अयोग्यता के मुद्दे को संविधान पीठ में सुनवाई के लिए भेजा था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ हटाने का नोटिस लंबित होने के दौरान क्या वो विधायकों की अयोग्यता का नोटिस जारी कर सकते हैं, इस पर भी सुनवाई की जरूरत है.
 

ये भी पढ़ें : "आपको अंजाम भुगतना होगा...", दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया से बोला सुप्रीम कोर्ट

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट में आज बिलकीस बानो की दो याचिकाओं पर सुनवाई

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
100 साल पुराने अस्‍पताल में ऐसी लापरवाही, मरीजों की रिपोर्ट से बनाए जा रहे पेपर प्लेट!
उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे केस में सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ की सुनवाई शुरू
'मां मिली तो अब उन्हें सत्संग में नहीं जाने दूंगा': मां की तलाश में दर-दर भटक रहे बेटे का दर्द
Next Article
'मां मिली तो अब उन्हें सत्संग में नहीं जाने दूंगा': मां की तलाश में दर-दर भटक रहे बेटे का दर्द
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;