देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यानी CJI डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं. शुक्रवार (8 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में उनका लास्ट वर्किंग डे है. आज CJI चंद्रचूड़ को फेयरवेल देने के लिए एक सेरेमोनियल बेंच बैठी. इस बेंच की लाइव स्ट्रीमिंग भी की गई. इस दौरान कई जजों और वकीलों ने CJI से उनकी जिंदगी, करियर और हॉबीज से जुड़े सवाल पूछे. कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने ऐसा सवाल पूछा, जिसपर कोर्ट में ठहाके लगे. बाद में CJI ने सिंघवी के सवाल का दिलचस्प अंदाज में जवाब भी दिया.
सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा, "आपने हमें सुनवाई के दौरान आईपैड का इस्तेमाल सिखाया. कम से कम मैं इस बारे में सीख गया. आपका युवा रूप हमें बूढ़ा महसूस कराता है. कम से कम आपके चार्मिंग और यंग लुक का राज तो हमें बता दीजिए." इसके बाद CJI ने जवाब दिया, "थोड़ा सा अनुशासन, जीन और ढेर सारी शुभकामनाएं."
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वहीं, वकीलों ने जस्टिस चंद्रचूड़ को रॉक स्टार, चार्मिंग और हैंडसम जज बताया. सबने उनके सब्र, विवेकशील और शांत व्यक्तित्व की तारीफ की.
#BREAKING: CJI ने अपनी विदाई के लिए आयोजित समारोहिक पीठ से अंतिम बार बार के सदस्यों से कहा कि 'कल से मैं ऐसे न्याय नहीं कर पाऊंगा'#CJIChandrachud #SupremeCourt pic.twitter.com/FA1CB4ZXJk
— NDTV India (@ndtvindia) November 8, 2024
CJI बोले- किसी का दिल दुखा हो तो माफ कर दें
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट में इस दौरान माफी भी मांगी. उन्होंने कहा,"कोर्ट में कभी मेरे से किसी का दिल दुखा हो, तो उसके लिए मुझे क्षमा कर दें. क्योंकि, कोर्ट में मेरी ऐसी कोई भावना नहीं रही. कल से मैं ऐसे न्याय नहीं कर पाऊंगा. लेकिन, मुझे काफी संतुष्टि है. मेरे बाद सोमवार से ये जिम्मेदारी संभालने आ रहे जस्टिस संजीव खन्ना के अनुभव काफी विस्तृत हैं. वे काबिल और प्रतिभावान हैं."
सेरेमोनियल बेंच में CJI डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, वरिष्ठ वकील शामिल रहे. वहीं, 11 नवंबर से CJI का पद संभालने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी मौजूद रहे. जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें CJI होंगे.
13 मई 2016 को SC में हुए थे प्रमोट
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किए गए थे. जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे. उनका कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक, यानी करीब 7 साल तक रहा. पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उसी पद पर बैठे.
‘लेडी ऑफ जस्टिस' की मूर्ति में करवाया बदलाव
सुप्रीम कोर्ट में बतौर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कई बदलाव किए. लेकिन सबसे न्याय की देवी की मूर्ति में बदलाव करना सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. ‘लेडी ऑफ जस्टिस' को CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑर्डर देकर बनवाया. ऐसा करने का मकसद लोगों के बीच ये मैसेज देना है कि देश में कानून अंधा नहीं है. 'लेडी ऑफ जस्टिस' की नई मूर्ति के आंखों पर पट्टी नहीं बंधी हैं. उनके हाथ में तलवार की जगह संविधान है. इसके अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 1 सितंबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी के वैलेडिक्ट्री इवेंट में सुप्रीम कोर्ट का फ्लैग और चिह्न भी जारी किया था.
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