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This Article is From Jul 23, 2018

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराने की फाइल मांगी

याचिकाकर्ता संस्था लोकप्रहरी ने नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया, याचिका दायर की

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराने की फाइल मांगी
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
तय समय 30 सितंबर 2016 तक बंगले ख़ाली नहीं किए थे
बंगलों का मार्केट रेट से किराया वसूलने की मांग की गई
कोर्ट ने यूपी सरकार के नए कानून को असंवैधानिक घोषित किया
नई दिल्ली: यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले बंगले तय समय पर ख़ाली नहीं किए गए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से बंगलों को खाली करने संबंधी फाइल चार हफ़्ते में दाखिल करने के लिए कहा है.

याचिकाकर्ता संस्था लोकप्रहरी ने नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने की याचिका दायर की है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले देरी से ख़ाली करने पर बंगलों का मार्केट रेट से किराया वसूलने की मांग की गई है.

दरअसल दो साल पहले एक अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले दो महीने में ख़ाली करने का आदेश दिया था. उन्हें 30 सितंबर 2016 तक बंगले ख़ाली करने थे, लेकिन किसी पूर्व मुख्यमंत्री ने तय समय सीमा में बंगले खाली नहीं किए.

यह भी पढ़ें : मध्यप्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों का आवंटन किया निरस्त 

इसके बाद पिछले साल चार जनवरी 2017 को यूपी सरकार नया कानून ले आई जिसमें यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित करने का नियम बना दिया गया. जबकि सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2016 के पुराने आदेश के मद्देनज़र नेताओं को 30 सितबंर 2016 तक सरकारी बंगले खाली करने थे. इसे याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग की है.

VIDEO : अखिलेश ओर मायावती ने खाली किए बंगले

हालांकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के नए कानून को असंवैधानिक घोषित करते हुए बंगले खाली कराने के आदेश जारी किए हैं.

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