सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली कूड़ा प्रबंधन मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को कहा है कि वो दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर एक कमेटी बनाने पर विचार करें जो कमेटी विस्तृत तौर पर सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट पर काम करे. इस कमेटी में सिविल सोसाइटी के लोग भी शामिल हो. उपराज्यपाल इस संबंध में एक हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट को बताएं.
इस मामले की पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ दक्षिण दिल्ली से 1800 टन कूड़ा रोज़ इकट्ठा हो रहा है. आपके वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट दिसम्बर तक शुरू होंगे. आपको अंदाजा है तब तक कितना और कचरा इकट्ठा हो जाएगा? सात लाख टन से भी ज़्यादा दिल्ली में आपातकाल जैसी स्थिति है, लेकिन आपका रिएक्शन वैसा नहीं है. आपको उसकी भानक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कूड़े को क्यों न राजनिवास के बाहर फेंका जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी एक के घर से कूड़ा हटाकर किसी दूसरे के घर में नही फेंक सकते. आपको विकल्प तलाशना होगा। सोनिया विहार के लोगों का विरोध जायज है। क्योंकि वो अंडर प्रिविलेज्ड हैं तो आप उनके घरों के पास कूड़े का पहाड़ खड़ा करना चाहते हैं?गंगाराम अस्पताल की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में आधी आबादी फेफड़े के कैंसर के खतरे की चपेट में है।
इस मामले की पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ दक्षिण दिल्ली से 1800 टन कूड़ा रोज़ इकट्ठा हो रहा है. आपके वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट दिसम्बर तक शुरू होंगे. आपको अंदाजा है तब तक कितना और कचरा इकट्ठा हो जाएगा? सात लाख टन से भी ज़्यादा दिल्ली में आपातकाल जैसी स्थिति है, लेकिन आपका रिएक्शन वैसा नहीं है. आपको उसकी भानक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कूड़े को क्यों न राजनिवास के बाहर फेंका जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी एक के घर से कूड़ा हटाकर किसी दूसरे के घर में नही फेंक सकते. आपको विकल्प तलाशना होगा। सोनिया विहार के लोगों का विरोध जायज है। क्योंकि वो अंडर प्रिविलेज्ड हैं तो आप उनके घरों के पास कूड़े का पहाड़ खड़ा करना चाहते हैं?गंगाराम अस्पताल की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में आधी आबादी फेफड़े के कैंसर के खतरे की चपेट में है।
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